
गुरुग्राम, 1 मई। ज्ञानेश्वर कुमार सिंह, भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा (IP&TAFS), 1992 बैच ने भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान (आईआईसीए) के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (डीजी एवं सीईओ ) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। आईआईसीए, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है। तीन दशकों से अधिक के शानदार करियर के साथ, सिंह वित्त, कॉर्पोरेट कानून, दिवालियापन, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर ), ई एस जी रिपोर्टिंग, लोक नीति, ई-गवर्नेंस और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में समृद्ध अनुभव लेकर आए हैं।
उन्होंने पूर्व में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव, निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण के सीईओ, और भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई ) के गवर्निंग बॉडी के सदस्य शामिल हैं। वह 2019 से 2021 तक भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई)और भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) की केंद्रीय परिषद में भारत सरकार के नामित सदस्य भी रहे। विशेष रूप से, उन्होंने वर्ष 2017–18 के दौरान IICA के DG & CEO के रूप में कार्य किया था, जब उन्होंने संस्थान को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाते हुए एक अद्वितीय परिवर्तन का नेतृत्व किया था।
वर्ष 2018 से 2021 तक वह दिवाला कानून समिति (ILC) के सदस्य-सचिव रहे। उन्होंने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के कार्यान्वयन और इसके कई संशोधनों, जैसे प्री-पैकेज्ड इनसॉल्वेंसी समाधान अधिनियम, को लागू कराने में अहम भूमिका निभाई, जिससे यह संहिता देश की आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप अधिक उत्तरदायी बनी। उन्होंने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अंतर्गत कई नए संस्थानों जैसे NCLT, NCLAT, IEPFA और IBBI की स्थापना और सुदृढ़ीकरण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के क्षेत्र में उनकी विशेष दक्षता है। उन्होंने राष्ट्रीय CSR पुरस्कार योजना के शुभारंभ में कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय को सहयोग प्रदान किया, जिसका उद्देश्य देश भर में श्रेष्ठ CSR प्रथाओं को मानक बनाना है। वह CSR पर उच्च स्तरीय समिति के सदस्य और संयोजक भी रहे और 2019 में समिति की रिपोर्ट के अंतिम रूप देने तथा प्रस्तुत करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने CSR नियम, 2014 के पुनर्गठन में भी प्रमुख भूमिका निभाई, जिसमें रिपोर्टिंग प्रारूपों का पुनरावृत्तिकरण और पारदर्शी प्रकटीकरण प्रणाली का विकास शामिल है, जिससे व्यापार करने में आसानी और विवेकाधिकार की गुंजाइश में कमी आई।
सतत कॉर्पोरेट शासन के एक विचारशील नेता के रूप में, श्री सिंह ने बिज़नेस रिस्पॉन्सिबिलिटी रिपोर्टिंग (BRR) समिति की अध्यक्षता की और अगस्त 2020 में एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह ऐतिहासिक कार्य, SEBI द्वारा वित्त वर्ष 2021–22 से 1000 शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों के लिए स्वैच्छिक आधार पर बिज़नेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (BRSR) अनिवार्य करने की नींव बना।
सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से समाजशास्त्र में एमए और एम.फिल, एफएमएस दिल्ली से वित्त में एमबीए, तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में बीए ऑनर्स और एलएलबी की डिग्रियाँ प्राप्त की हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) अफगानिस्तान में क्षमता विकास सलाहकार के रूप में उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव उनके प्रोफाइल को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
IICA में उनकी वापसी संस्थान के लिए एक आशाजनक नए अध्याय का संकेत है, क्योंकि यह कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन एक थिंक टैंक, नीति प्रयोगशाला, और क्षमता विकास केंद्र के रूप में कार्य करता रहेगा। श्री सिंह का दूरदर्शी नेतृत्व IICA के उत्तरदायित्वपूर्ण कॉर्पोरेट शासन, स्थिरता, और नवाचार को बढ़ावा देने के मिशन को और सशक्त बनाएगा।