
अब उठाने पर करीब 100 करोड़ से अधिक होंगे खर्च।
सरकार के कई करोड रुपए फिजूल खर्च।
गुरुग्राम 6 मई।
हरियाणा प्रदेश में गुरुग्राम नगर निगम भ्रष्टाचार के मामले में प्रथम स्थान पर चर्चा में रही है और केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री कई बार गुरुग्राम नगर निगम को लेकर अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए कह चुके हैं मगर गुरुग्राम नगर निगम के खिलाफ कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने से खतरा आता है।
गुरुग्राम नगर निगम के भ्रष्टाचार की बात की जाए तो सबसे अधिक प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में गुरुग्राम नगर निगम प्रथम स्थान पर रहा है भ्रष्टाचार को लेकर हरियाणा के कई मंत्रियों ने नगर निगम पर सवाल भी खड़े किए हुए हैं और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह खुलेआम कह चुके थे की नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है वही केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी नगर निगम के कामकाज पर सवाल खड़े कर चुके हैं जिससे अब यह नगर निगम चारों तरफ से भ्रष्टाचारियों से गिरता नजर आ रहा है यह हम नहीं कह रहे सरकार में मंत्री और विधायक सवाल उठा रहे हैं।
अभी भी शहर कूड़े के ढूरो में तब्दील हो रहा है।
विश्वसनीय सूत्रों की माने वर्ष 2014 में गुरुग्राम नगर निगम की ओर से शहर का कूड़ा उठाकर शहर के बाहर डंपिंग करना था जिस पर 14 वर्षों में पूरा उठाने पर करीब 800 करोड रुपए का खर्चा अभी तक हो चुका है और अभी भी शहर कूड़े के ढूरो में तब्दील हो रहा है। विश्वसनीय सूत्र यह भी जानकारी दे रहे हैं कि अब शहर से बाहर डाला गया बंधवाडी गांव में कूदे को उठाने के लिए करीब 100 करोड़ से अधिक निगम खर्च करने जा रहा है जिससे गुरुग्राम के शहर वासियों के टैक्स के पैसे को किस तरह अधिकारी प्रयोग कर रहे हैं। हमारे जानकारी अनिल मेहता के अनुसार गुरुग्राम और फरीदाबाद से अभी भी बंधवाडी डंपिंग स्टेशन पर 300 से 400 तन दिल्ली कूड़ा आता है।
भूमि जल जहर बन गया पशुओं के पीने लायक भी नहीं रहा
वर्ष 2010 में नगर निगम मानेसर द्वारा बंधवाडी में डंपिंग स्टेशन बनाकर लगभग 10 लाख टन कूड़ा डाला गया था और इस कूड़े से बंधवाडी के आसपास के गांव का भूमि जल जहर बन गया पशुओं के पीने लायक भी नहीं रहा क्योंकि जो कूड़े से भूमि में जहरीला जल गया उसे पानी पीने के लायक भी नहीं रहा आज एक दर्जन गांवों में पीने के लायक पानी नहीं है अगर कोई पशु को पानी पिला दिया जाए तो पशु की मौत निश्चित हो जाती है क्योंकि अपनी भूमि में इतना जहरीला हो गया है जिससे ग्रामीण लगातार धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं और सरकार से गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन इस सरकार में किसी की कोई सुनवाई नहीं है इसलिए ग्रामीण भी जहरीले पानी से परेशान है।
कूड़े के ढेर में आग लगने से कूड़ा उठाने पर कम खर्च की संभावना।
शायद जून तक या कूड़े का पहाड़ साफ नहीं होगा
पिछले दिनों बंधवाडी के कूड़े के पहाड़ में अचानक आग लग गई जिससे अधिकतर कूड़ा जलकर राख हो गया और अब यह प्रयास लगाए जा रहे हैं कि शायद सरकार का खर्चा कूड़ा उठाने का काम हो जाएगा क्योंकि जो कूड़ा की संख्या थी वह काम हो जाएगी प्लास्टिक की पॉलीथिन और प्लास्टिक का कचरा जलकर राख हो गया।
कुछ जले हुए कूड़े को सीमेंट की कंपनियों में भेजा जा सकता है तो कुछ गांव और आसपास के सड़कों के किनारे पर फीलिंग के काम आ सकता है। लेकिन जिस कंपनी को निगम ने कूड़ा उठाने का ठेका दिया हुआ है और जून की अंतिम तिथि दी हुई है इससे ऐसा लगता है कि शायद जून तक या कूड़े का पहाड़ साफ नहीं होगा जिसके चलते कूड़ा उठाने वाली कंपनियों को भी अब पसीने आ रहे हैं। इस कूड़े के ढेर से आसपास के हरे वृक्ष भी नष्ट हो गए जिससे हरियाली भी खत्म होती नजर आ रही है जहां पशु पहाड़ियों में चारा के लिए जाते थे आज वहां जहरीली हवा हैं। हरियाली दिखाई नहीं पड़ती। अब देखना यह है कि नगर निगम कितने करोड़ की लागत से इस कूड़े के पहाड़ को हटाता है और कब तक हटाता है।