
आज का पंचांग एवं ज्योतिषीय समाचार
📅 दिनांक: सोमवार, 12 मई 2025
📍 स्थान: भारतवर्ष
🌅 शुभारंभ:
श्री गणेशाय नमः। जय श्री कृष्ण।
ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी जन सुखी, स्वस्थ और समृद्ध रहें। 🙏🌸
🔱 आज का शुभ श्लोक:
उद्ददादित्यसङ्गाक्षं पीतवाससमुच्यतं।
शङ्खचक्रगदापाणिं ध्यायेलक्ष्मीपतिं हरिं॥
भावार्थ: जो सूर्य के समान तेजस्वी हैं, पीतांबरधारी हैं, शंख, चक्र और गदा जिनके हाथ में हैं — ऐसे लक्ष्मीपति भगवान हरि का ध्यान करें।
📜 विक्रम संवत विवरण:
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विक्रम संवत: 2082
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संवत्सर नाम: सिद्धार्थी
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राजा एवं मंत्री: सूर्य
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ऋतु: ग्रीष्म
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सूर्य उत्तरायण
🌞 सूर्य व चंद्र की स्थिति:
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सूर्योदय: प्रातः 5:37
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सूर्यास्त: सायं 6:59
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चंद्रमा: तुला राशि में
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राशि स्वामी: शुक्र
🌟 आज का नक्षत्र:
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प्रातः 6:17 तक: स्वाति
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6:17 से: विशाखा नक्षत्र
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विशाखा के चरण:
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प्रातः 6:17 से — चरण 1
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दोपहर 1:00 से — चरण 2
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सायं 7:44 से — चरण 3
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नक्षत्र स्वामी: राहु / गुरु
🔯 योग:
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वरियान योग — आज के दिन स्नान, दान, व्रत एवं पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
🙏 विशेष पर्व:
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बुद्ध पूर्णिमा – भगवान बुद्ध की जयंती
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श्री सत्य नारायण व्रत
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श्री कूर्म जयंती – भगवान विष्णु के कूर्म अवतार का स्मरण
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महर्षि भृगु जयंती – ज्योतिष के प्रथम महर्षि, “भृगु संहिता” के रचयिता
विशेष कर्म:
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गंगा स्नान, वस्त्र, अन्न, जल पात्र, पंखा आदि का दान करना अत्यंत पुण्यकारी।
🌍 दिशा एवं यात्रा:
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शुभ दिशा: पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पश्चिम
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दिशा शूल: पूर्व — इस दिशा में यात्रा से बचें। आवश्यकता हो तो दर्पण देखकर या दूध पीकर यात्रा करें।
🪐 ग्रहों की स्थिति:
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सूर्य: मेष राशि, कृत्तिका नक्षत्र
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चंद्र: तुला राशि
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मंगल: कर्क राशि, आश्लेषा नक्षत्र
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बुध: मेष राशि, अश्विनी नक्षत्र
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गुरु (बृहस्पति): वृष राशि, मृगशिरा नक्षत्र
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शुक्र: मीन राशि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र
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शनि: मीन राशि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र
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राहु: मीन राशि, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र
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केतु: कन्या राशि, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र
⛔ राहु काल:
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समय: प्रातः 7:00 से 9:00 तक
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इस अवधि में कोई भी नया या शुभ कार्य करने से बचें।
📊 दैनिक लग्न सारणी:
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5:44 तक — मेष
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7:39 तक — वृष
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9:53 तक — मिथुन
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12:14 तक — कर्क
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2:31 तक — सिंह
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4:48 तक — कन्या
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7:06 तक — तुला
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9:25 तक — वृश्चिक
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11:29 तक — धनु
📣 नोट: आज का दिन विशेष पर्वों, ज्योतिषीय योगों और अध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा का पुण्यफल प्राप्त करने हेतु व्रत, ध्यान और दान अवश्य करें।