
जेएफ-17 जेट्स, वीटी-4 टैंक और शाहीन मिसाइल सिस्टम भारतीय सशस्त्र बलों के मुकाबले अपेक्षाकृत कम प्रभावी साबित हुए हैं।
हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
नई दिल्ली, 12 मई 2025 — हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़पों में पाकिस्तान के चीनी निर्मित जेएफ-17 फाइटर जेट्स और अन्य हथियारों की प्रभावशीलता पर सवाल उठे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए गए जेएफ-17 जेट्स, वीटी-4 टैंक और शाहीन मिसाइल सिस्टम भारतीय सशस्त्र बलों के मुकाबले अपेक्षाकृत कम प्रभावी साबित हुए हैं।
पाकिस्तान के चीनी हथियारों की सीमाएँ
जेएफ-17 थंडर, जिसे पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है, को एक बहु-भूमिका वाली फाइटर जेट के रूप में प्रस्तुत किया गया था। हालांकि, इसके रडार प्रणाली (KLJ-7) और मिशन कंप्यूटर में कई तकनीकी समस्याएँ सामने आई हैं। इन समस्याओं के कारण, यह जेट भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक विमानों के मुकाबले कम प्रभावी साबित हुआ है।
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान ने चीनी निर्मित सीएम-400 एकेजी सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलों का भी उपयोग किया है। हालांकि, इन मिसाइलों को भारतीय नौसेना के खिलाफ एक रणनीतिक कदम के रूप में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन इनकी वास्तविक प्रभावशीलता पर सवाल उठे हैं।
भारत की प्रतिक्रिया और सैन्य कार्रवाई
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत 7 मई को पाकिस्तानी नियंत्रण वाले कश्मीर और पंजाब प्रांत में नौ स्थानों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में भारतीय वायुसेना के राफेल और मिग-29 विमानों का उपयोग किया गया, और दावा किया गया कि इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया है, जिसमें तीन राफेल, एक मिग-29 और एक सुखोई-30 एमकेआई शामिल हैं। हालांकि, भारत ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन तीन भारतीय विमानों के मलबे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाए गए हैं।
पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए गए चीनी निर्मित हथियारों की सीमाएँ और भारतीय वायुसेना की प्रभावी प्रतिक्रिया ने इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, और भविष्य में ऐसे संघर्षों की संभावना बनी रहती है।