समाज और प्रशासन मिलकर निभाएं नैतिक जिम्मेदारी
गुरुग्राम, 14 मई। उपायुक्त (डीसी) अजय कुमार ने अधिकारियों से लिंगानुपात सुधार को लेकर ईमानदारी से नैतिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में बेटा-बेटी का अनुपात असंतुलित है, वहां विशेष ध्यान दिया जाए। ये निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की वीडियो कांफ्रेंस के बाद लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में अधिकारियों को दिए।
प्रति पूरी तरह से सतर्क और प्रतिबद्ध है।
डीसी अजय कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीति के प्रति पूरी तरह से सतर्क और प्रतिबद्ध है। उन्होंने साफ किया कि लिंग परीक्षण व भ्रूण हत्या से जुड़े मामलों में संबंधित व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने दायित्वों का पालन न केवल प्रशासनिक बल्कि नैतिक स्तर पर भी करें।
पंचायत विभाग मिलकर समन्वय से कार्य करें ताकि ग्रामीणों को जागरूक किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गांवों में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा पंचायत विभाग मिलकर समन्वय से कार्य करें ताकि ग्रामीणों को जागरूक किया जा सके। गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण से लेकर उनके स्वास्थ्य की निगरानी तक हर स्तर पर सतर्कता बरती जाए।
डीसी ने ग्राम पंचायतों से भी अपेक्षा की कि वे अपने स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाएं और समाज को बेटा-बेटी के बीच कोई भेद न करने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना को और अधिक प्रभावशाली बनाने की बात करते हुए कहा कि बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर दिए जाएं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया जाए। इससे समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा और बेटियों के प्रति सोच में बदलाव आएगा।
बल्कि यह पूरे समाज का सामूहिक दायित्व है।
उपायुक्त (डीसी) अजय कुमार ने जोर दिया कि लिंगानुपात सुधार केवल सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज का सामूहिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि बेटियों के जन्म से लेकर शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान तक हर स्तर पर समानता सुनिश्चित की जानी चाहिए। लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को रोकने के लिए सभी वर्गों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. अलका सिंह, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप कुमार, नोडल ऑफिसर एआरडी डॉ. रितु, एसडीसीओ डॉ. परमिंदर, डीसीओ डॉ. अमनदीप चौहान और डीसीओ डॉ. सुरेश कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।