
गुरुग्राम, 17 मई 2025: जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (DLSA), गुरुग्राम ने शनिवार को कमर्शियल व्हीकल चौक स्थित ऑटो स्टैंड पर “सम्मान उसका अधिकार” शीर्षक से एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया। यह कार्यक्रम हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण, पंचकूला के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं के सम्मान को प्रभावित करने वाले कानूनी अधिकारों और उपलब्ध विधिक उपायों की जानकारी देना था।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता:
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अधिवक्ता सुषमा यादव ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 और धारा 79 की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को बताया कि ये अपराध महिला की गरिमा और आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाते हैं, और कानून इन पर सख्त सजा का प्रावधान करता है। कानून हर महिला को सम्मान और सुरक्षा का अधिकार देता है, जिसे जानना और प्रयोग में लाना ज़रूरी है।
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नेहा चौधरी ने उत्पीड़न के विभिन्न रूपों को पहचानने, शुरुआती संकेतों को समझने और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्राओं को निर्भीक होकर आवाज उठाने और उपलब्ध कानूनी सहायता प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता:
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा चेयरमैन, डीएलएसए गुरुग्राम चन्द्र शेखर ने की। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व सचिव, डीएलएसए गुरुग्राम रमेश चंद्र ने बीएनएस की धारा 296 (छेड़खानी) और धारा 79 (डराना-धमकाना) की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऐसे अपराधों की सजा, रिपोर्टिंग प्रक्रिया, और कानूनी सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है।
समाज के प्रति संदेश:
इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के नेशनल प्रेसिडेंट योगेश शर्मा और स्टेट वाइस प्रेसिडेंट गुरुग्राम ऋषिपाल राघव ने कहा कि ऐसी किसी भी हरकत के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति अपनाई जाएगी जो महिलाओं की मर्यादा को ठेस पहुंचाए।
अभियान में भारी संख्या में ऑटो चालकों और आम नागरिकों की भागीदारी से यह संदेश और भी स्पष्ट हुआ कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पूरे समाज की जिम्मेदारी है।