
लखनऊ उत्तर 19 मई। उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था को वैश्विक पहचान मिल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्य और चित्रकूट जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
🏛️ बजट में ₹400 करोड़ का प्रावधान
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ₹400 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें अयोध्या के लिए ₹150 करोड़, मथुरा के लिए ₹125 करोड़, नैमिषारण्य के लिए ₹100 करोड़ और चित्रकूट के लिए ₹50 करोड़ निर्धारित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, श्री बंके बिहारी जी महाराज मंदिर मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर के लिए ₹50 करोड़ की राशि भी आवंटित की गई है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य धार्मिक स्थलों का विकास, भूमि अधिग्रहण और सार्वजनिक सुविधाओं का विस्तार करना है।
🛕 प्रमुख परियोजनाएँ और विकास
-
अयोध्या: श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ पर्यटन अवसंरचना का विकास किया जा रहा है।
-
काशी विश्वनाथ धाम: धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं।
-
मथुरा-वृंदावन: श्री बंके बिहारी मंदिर के आसपास के क्षेत्र का विकास और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
-
नैमिषारण्य: नैमिष धाम के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें पंचकोसी, चौदहकोसी और अठ्ठारहकोसी परिक्रमा मार्गों का विकास शामिल है।
-
चित्रकूट: रामायण से जुड़े इस स्थल का विकास धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में किया जा रहा है।
🌍 वैश्विक पहचान और आर्थिक समृद्धि
2024 में उत्तर प्रदेश में 65 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ, जिसमें 14 लाख विदेशी पर्यटक शामिल थे। यह राज्य की धार्मिक पर्यटन क्षमता को दर्शाता है। सरकार की योजनाओं से न केवल आस्था की पुनर्स्थापना हो रही है, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार, व्यापार और सांस्कृतिक संरक्षण में भी वृद्धि हो रही है।