- आईएएस डी सुरेश से भी नहीं कर पाई पूछता
- एक बार फिर विजिलेंस पर रुकने लगी है उंगलियां
दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हरियाणा भ्रष्टाचार मुक्त के नारे को एक बार फिर हरियाणा विजिलेंस विभाग की ओर से झटका दे दिया है। जिसके चलते एक बार फिर विजिलेंस विभाग पर उंगलियां उठने लगी। पिछले दिनों आईएएस विजय सिंह दहिया के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में विजिलेंस विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन आज तक आईएएस अधिकारी को विजिलेंस विभाग गिरफ्तार कर जेल में नहीं भेज पाया है। जबकि विजय सिंह दहिया लगातार विजिलेंस के आस पास ही मंडराता रहता है और उसे विजिलेंस जेल भेजने की बजाय समय दे रही हैं। इतना ही नहीं सीनियर आईएएस गुरुग्राम के पूर्व मंडल आयुक्त डी सुरेश से भी विजिलेंस विभाग के उच्च अधिकारी पूछताछ नहीं कर पाए जबकि सीनियर आईएएस की पत्नी ने विजिलेंस पर अनेक प्रकार के आरोप लगाए थे जिससे विजिलेंस डी सुरेश से पूछताछ करने की वजह पीछे खिसक गई है।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डी सुरेश के विरुद्ध जांच शुरू करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो एसीबी ने प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी जिसके चलते उनसे पूछताछ की शुरू की जा सकें।
पूछताछ में यदि आरोप सही मिले फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले में शहर के एक बड़े प्रापर्टी कारोबारी वशिष्ठ गोयल और पंकुज सुनेजा की गिरफ्तारी हो चुकी है। दोनों से पूछताछ में ही सुरेश का नाम सामने आया है।
वर्ष 2019 के दौरान डी सुरेश हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक थे। आरोप है कि उन्होंने गुरुग्राम के सेक्टर.56 में एक ट्रस्ट को स्प्रिंग डेल नाम से स्कूल चलाने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन वर्ष 1990 के दर से वर्ष 2019 में अलॉट कर दी। इससे सरकार के राजस्व को 20 से 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
ट्रस्ट के मुख्य कर्ताधर्ता प्रापर्टी कारोबारी वशिष्ठ गोयल हैं। जमीन अलाट कराने में बिचौलिये की भूमिका पंकुज सुनेजा ने निभाई थी। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार एसीबी मामले की जांच कर रही है। इसी संदर्भ में ब्यूरो की टीम कुछ दिन पहले डी सुरेश की पत्नी के सेक्टर.47 स्थित कार्यालय में पहुंचकर एकाउंटेंट से पूछताछ की थी।
रिश्वत मामले में फंसे हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस विजय सिंह दहिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आईएएस विजय सिंह दहिया को फिलहाल हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली हैं।
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार ने मांगा जवाब
वरिष्ठ आईएएस की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं। जानकारी बतादे हरियाणा कौशल रोजगार निगम रिश्वत कांड में दहिया की अग्रिम जमानत याचिका पिछले दिनों पंचकूला जिला अदालत ने खारिज कर दी थी।
क्या है पूरा मामला
पूनम चोपड़ा को निगम में बिल पास कराने की एवज में रिश्वत मांगने के मामले में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। ये बिला फतेहाबाद निवासी रिंकू मनचनदा से संबंधित थे। वहीं पूछताछ में पूनम चोपड़ा ने बयान दिया कि वो दहिया के लिए रुपये ले रही थी। वहीं इस मामले में विजय दहिया का नाम सामने आने के बाद से ही उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू हो गये थे।