
मलबे में राख और धुएं के बीच ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ का सुरक्षित मिलना चमत्कार से कम नहीं।
अहमदाबाद विमान हादसे के मलबे से सुरक्षित मिली ‘श्रीमद्भगवद्गीता’, लोगों ने किया प्रणाम
📍 अहमदाबाद, गुजरात | दिनांक: 13 जून 2025
गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने जहां पूरे देश और दुनिया को शोक में डुबो दिया, वहीं इस त्रासदी के मलबे से मिली एक अद्भुत और आस्था से भरी हुई झलक ने सभी की आंखों को नम कर दिया।
🔥 मलबे में राख और धुएं के बीच ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ का सुरक्षित मिलना चमत्कार से कम नहीं।
प्रत्यक्षदर्शियों और राहत कर्मियों के अनुसार, हादसे के बाद जब मलबे की तलाशी ली जा रही थी, तभी एक साफ-सुथरी, अक्षत अवस्था में भगवद्गीता की पुस्तक एक सीट के पास मिली।
यह दृश्य देखकर वहाँ मौजूद कई लोगों ने विनम्रता से प्रणाम किया, कुछ की आंखों में आंसू थे और कुछ के मन में आश्चर्य और श्रद्धा का संगम।
🧘 एक संकेत, एक संदेश:
जहाँ एक ओर चारों तरफ़ मौत और मायूसी का मंजर था, वहीं गीता का सुरक्षित रहना मानो यह कह रहा हो:
“न जायते म्रियते वा कदाचित् — आत्मा न कभी जन्म लेती है, न कभी मरती है।”
(भगवद्गीता 2.20)
यह दृश्य न केवल आध्यात्मिक विश्वास को बल देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब सब कुछ नष्ट हो जाए, तब भी ‘धर्म’ और ‘ज्ञान’ अमर रहते हैं।
📸 लोगों की प्रतिक्रिया:
➡️ “यह कोई साधारण घटना नहीं है, यह ईश्वर का संकेत है कि सत्य और धर्म कभी नष्ट नहीं होते।” — एक प्रत्यक्षदर्शी
➡️ “गीता का बच जाना, हमें याद दिलाता है कि जीवन की हर विपत्ति में भी ईश्वर हमारे साथ हैं।” — एक स्वयंसेवक