
पश्चिम एशिया में जारी संकट ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब इज़राइली वायुसेना ने बीते सप्ताह ईरान के कई सामरिक ठिकानों—जिनमें एयर डिफेंस सिस्टम, बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर और रडार स्टेशन शामिल थे
इज़राइल व अमेरिका की संयुक्त कार्रवाई से बढ़ा पश्चिम एशिया में तनाव
नई दिल्ली, 19 जून।
पश्चिम एशिया में जारी संकट ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब इज़राइली वायुसेना ने बीते सप्ताह ईरान के कई सामरिक ठिकानों—जिनमें एयर डिफेंस सिस्टम, बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर और रडार स्टेशन शामिल थे—पर सफलतापूर्वक हमला कर उन्हें तबाह कर दिया। इस कार्रवाई को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह हमला मोसाद की उच्च तकनीकी क्षमताओं और ड्रोन आधारित सटीक हमलों के जरिए अंजाम दिया गया। रणनीतिक दृष्टि से यह ईरान के प्रतिरोध तंत्र को गहरा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है।
ईरान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में, लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से अधिक ड्रोन इज़राइली ठिकानों पर दागे गए। हालांकि, इज़राइल की अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियाँ—आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो मिसाइल इंटरसेप्शन सिस्टम—ने इन हमलों को लगभग पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया। कुछ मिसाइलें इज़राइली शहरों जैसे टेल अवीव और हेइफा तक पहुँचीं, जिससे आंशिक क्षति और नागरिक हताहतों की पुष्टि हुई है।
अमेरिका ने भी इस कार्रवाई में अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी निभाई। यूएस नेवी के युद्धपोतों को फारस की खाड़ी में सक्रिय किया गया है, जो मिसाइल इंटरसेप्शन और रडार सपोर्ट में सहयोग कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा, “ईरान को अब या तो शांति का मार्ग चुनना होगा या अपने विनाश के लिए तैयार रहना होगा।”
🔻 वर्तमान स्थिति:
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ईरान की मिसाइल क्षमताओं को भारी क्षति
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इज़राइली रक्षा व्यवस्था सतर्क व मजबूत
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अमेरिका की रणनीतिक तैनाती जारी
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संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील: संयम बरतें और युद्धविराम पर विचार करें
वर्तमान हालात में ईरान दबाव में है और उसकी जवाबी क्षमता सीमित हो चुकी है। यदि कूटनीतिक प्रयास विफल होते हैं, तो आने वाले दिनों में और अधिक संघर्ष की आशंका जताई जा रही है।