
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश को निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य बनाने की दिशा में सतत प्रयास किए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस एक्सप्रेसवे परियोजना को एक रणनीतिक विकास मॉडल के रूप में तैयार
गोरखपुर, 19 जून।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र की तस्वीर अब तेजी से बदलती दिखाई दे रही है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ से गोरखपुर का सीधा और तेज संपर्क न केवल यात्रियों के लिए सहूलियत लेकर आया है, बल्कि यह पूर्वांचल में आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास का नया अध्याय भी रच रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस एक्सप्रेसवे परियोजना को एक रणनीतिक विकास मॉडल के रूप में तैयार किया है। यह महज एक सड़क परियोजना नहीं, बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक औद्योगिक क्रांति का आधार बन रही है।
🔹 रोजगार और निवेश की नई राह
गोरखपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण और उससे जुड़ी औद्योगिक गतिविधियों से हज़ारों युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने की संभावना है।
सरकार की योजना है कि एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर औद्योगिक कॉरिडोर, लॉजिस्टिक्स हब, स्टार्टअप पार्क और MSME इकाइयों को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय युवाओं को दूर शहरों की ओर पलायन करने की ज़रूरत नहीं होगी।
🔹 विदेशी निवेश को आकर्षित करने की पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश को निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य बनाने की दिशा में सतत प्रयास किए हैं।
सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और विभिन्न रोड शो के माध्यम से देश-विदेश के उद्योगपतियों को आमंत्रित कर रही है ताकि उत्तर प्रदेश को “उद्योग प्रदेश” बनाया जा सके।
🔹 पूर्वांचल की प्रगति का आधार
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के प्रभाव से गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर सहित पूरे पूर्वांचल में कनेक्टिविटी, निवेश, रोजगार और शहरी विकास की गति तेज हुई है।
यह परियोजना राज्य सरकार की विकासशील, समावेशी और दूरदर्शी नीतियों की मिसाल बन चुकी है।
मुख्य बिंदु:
-
लखनऊ से गोरखपुर तक की दूरी में उल्लेखनीय कमी
-
निर्माणाधीन औद्योगिक कॉरिडोरों से भविष्य में निवेश की व्यापक संभावनाएं
-
MSME और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा
-
पूर्वांचल को उत्तर प्रदेश के विकास का नया इंजन बनाने की तैयारी