
कूड़े के ढेर में फेंका अपनी ही दादी को
Hightlight
मुंबई से आई इंसानियत को ख़त्म कर देने जैसा मामला
कूड़े के ढेर में फेंका अपनी ही दादी को
कैंसर के पीड़ित बुजुर्ग महिला यशोदा गायकवाड़
स्किन कैंसर से पीड़ित महिला यशोदा गायकवाड़
मुंबई पुलिस ने बुजुर्ग महिला को कराया भर्ती
दादी की कहानी हर कोई सुनना चाहता है पहले जमाने में मां भले ना मिले लेकिन 1 मिनट के लिए भी दादी को हम नहीं भूल सकते थे लेकिन आजकल के बच्चों को अपनी मां ही बोझ लगने लगी है तो दादी को कहां से पूछेंगे पहले हम दादी के पास कहानियों को सुनने के लिए जाते थे उनके चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को देखकर हम जीवन की गहराइयों के और जीवन की कठिनाइयों का अंदाजा लगा पाते थे।उन दादी की लटकती चमड़ी झुर्रियों वाली हाथ जब सर पर पड़ती थी तो मानो ऐसा लगता था कि जीवन कभी कष्टदाई थी ही नहीं आज का जनरेशन इसलिए भी खत्म होता जा रहा है कि वह बुजुर्गों के पास नहीं बैठते उनसे उनके जीवन का एक्सपीरियंस नहीं लेते अपनी दादी मां की कहानी नहीं सुनते एक ऐसा मामला मुंबई से सामने आ रहा है इस घटना को देखने के बाद ऐसा लगता है कि इंसानियत मानो इंसानों में बची ही नहीं है इंसानियत ने दम तोड़ दी है यह घटना तब सामने आई जब मुंबई शहर की पुलिस ने आरे कॉलोनी में सड़क पर पड़े कूड़े को हटाने की बात कर रही थी उसे= दौरान वहां पर 60 वर्षीय यशोदा गायकवाड को बेहद कमजोर हालत में देखा गया जब धीरे-धीरे जांच शुरू हुई तो महिला ने पूछने पर बताया कि उसका पोता उसे वहीं छोड़ गया था पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है उसकी हालत को देखते हुए कई अन्य अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से मना भी कर दिया था जिसके बाद उसे कपूर अस्पताल में भर्ती कराया गया महिला स्किन कैंसर से पीड़ित थी जिसकी वजह से उसका पोता उसको कूड़ेदान में डालकर चला गया था कितनी शर्म की बात है जी दादी ने बचपन में जब तुम कुछ बोल नहीं पाती थी तो तुम्हारी जुबान बनी जब तुम कुछ समझ नहीं पाते थे तो वह तुम्हारे मन की बात समझ जाती थी तुम्हें भूख लगती थी तो वह परेशान हो जाती थी और आज जब पोता बड़ा हुआ दादी के लिए कुछ करने का वक्त आया तो उसने उनको ले जाकर कूड़े की ढेर में फेंक दिया की कहानी इन्फेक्शन उसको भी ना हो जाए जब उसे बुढ़िया दादी को एक लाठी की आवश्यकता थी एक गिलास पानी देने वाले की आवश्यकता थी दो लोग बैठकर बात करें ऐसे परिवार की आवश्यकता थी उसे वक्त 60 वर्ष के आयु में वह महिला कूड़ेदान में पड़ी है इस दौरान पुलिस बुजुर्ग महिला के परिवार वालों को भी ढूंढ रही है हालांकि इसमें परिवार का दो पता बताया गया है पहले पता जो है वह मलाड और दूसरा कांदिवली बताया गया है पुलिस मामले की जांच कर रही है और परिवार के बारे में विस्तृत जानकारी का इंतजार कर रही है रिश्तेदारों का पता लगाने के लिए उसकी तस्वीर सभी पुलिस थानों में शेर की गई है लेकिन पोते ने ऐसा अमानवीय काम क्यों किया यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन एक बात तो तय है कि जिस भी मानसिकता से उसे बुढ़िया दादी को कूड़े के देर में डाला है वह बेहद गलत है यह इंसानियत को खत्म करने जैसा कदम है जो आज यशोदा गायकवाड़ के पोते ने किया है यह बेहद शर्मनाक है लेकिन एक बात भी कटु सत्य है कि बुढ़ापा सबका आता है कोई अमृत का कलश टिकट नहीं आया एक दिन यह बुढ़ापा भी आना है और जरूर आएगा और कर्मों का फल कभी भी अनदेखा नहीं किया जा सकता वह मिलेगा जरूर