
हरियाणा सरकार की राशन कार्ड कटौती से हजारों गरीब परिवार प्रभावित: कांग्रेस नेता अशोक बुवानीवाला ने लगाए गंभीर आरोप
भिवानी, 26 जून।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने प्रदेश सरकार पर गरीबों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर राशन कार्डों की कटौती की जा रही है, जिससे हजारों जरूरतमंद परिवार सरकारी राशन योजना से वंचित हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन महीनों में लगभग 4.5 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए, और आगामी जुलाई माह में 1.17 लाख और कार्ड रद्द करने की तैयारी चल रही है।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि इन कटौतियों से सबसे ज्यादा नुकसान बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) और अंत्योदय परिवारों को हो रहा है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि चुनावी फायदे के लिए बड़ी संख्या में राशन कार्ड बनवाए गए थे, लेकिन अब उन कार्डों को धड़ल्ले से रद्द किया जा रहा है।
“परिवार पहचान पत्र बना गरीबों के लिए सजा”
कांग्रेस नेता ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (PPP) की प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं। गलत डाटा एंट्री और गलत मैपिंग के चलते ऐसे लोगों को भी अपात्र घोषित कर दिया गया है जो वास्तव में हकदार हैं। “आज प्रदेश के हर गांव और मोहल्ले में ऐसे लोग मिल जाएंगे जो रोजाना मेहनत-मजदूरी कर पेट पालते हैं, जिनके पास साइकिल तक नहीं है, लेकिन उन्हें परिवार पहचान पत्र में कार और कोठी वाला दिखा दिया गया,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिनके पास पहले से राशन कार्ड था, उन्हें बिना सूचना के हटा दिया गया है और राशन वितरण केंद्रों पर नाम नहीं आने से उन्हें कई दिनों से राशन नहीं मिल रहा।
भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही का भी आरोप
अशोक बुवानीवाला ने फूड एंड सप्लाई विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि विभाग में रोजाना दर्जनों शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन सरकार उन पर कार्रवाई करने के बजाय आंखें मूंदे बैठी है। उन्होंने कहा कि गरीबों के हक का राशन रोकना न सिर्फ अन्याय है, बल्कि यह सरकार की असंवेदनशीलता भी दर्शाता है।
विपक्ष करेगा आंदोलन, सरकार को चेतावनी
बुवानीवाला ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर पात्र लोगों के राशन कार्डों की कटौती पर तुरंत रोक नहीं लगी और उन्हें फिर से योजना में शामिल नहीं किया गया, तो विपक्ष जनआंदोलन छेड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि सभी अपात्र घोषित किए गए कार्डों की पुन: समीक्षा की जाए और जिनका हक मारा गया है, उन्हें तुरंत उनका हक लौटाया जाए।
उन्होंने यह भी मांग की कि परिवार पहचान पत्र में दर्ज आंकड़ों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि असली जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
मुख्य बिंदु (Bullet Points for Highlight Section)
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तीन महीने में 4.5 लाख राशन कार्ड रद्द
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जुलाई में और 1.17 लाख कार्डों की कटौती संभावित
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परिवार पहचान पत्र में गलत जानकारी से पात्र लोग अपात्र घोषित
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फूड एंड सप्लाई विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप
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विपक्ष ने चेताया—जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतरेंगे