
बिहार में वक्फ कानून पर सियासी संग्राम: तेजस्वी के वादे पर BJP का तीखा वार
पटना, 1 जुलाई 2025 — बिहार में वक्फ कानून को लेकर सियासी तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने संकेत दिए थे कि सत्ता में वापसी पर उनकी सरकार वक्फ कानून की समीक्षा कर सकती है। इस बयान के बाद भाजपा ने उन पर जोरदार हमला बोला है।
भाजपा के नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव “तुष्टीकरण की राजनीति” कर रहे हैं और मुस्लिम वोटबैंक को लुभाने के लिए धार्मिक मामलों को बेवजह राजनीतिक रंग दे रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, “तेजस्वी यादव को पहले संविधान पढ़ना चाहिए। वक्फ कानून देशभर में लागू है, ये किसी एक सरकार का नहीं, बल्कि संसद द्वारा पारित कानून है।”
तेजस्वी का दावा: “वक्फ संपत्तियों को लेकर भ्रम दूर करेंगे”
एक जनसभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कई जगहों पर विवाद है और आम जनता को भ्रम है कि कोई भी उनकी जमीन को ‘वक्फ’ घोषित कर सकता है। उन्होंने कहा कि आरजेडी की अगली सरकार इस कानून की समीक्षा करेगी ताकि किसी की निजी संपत्ति पर गलत तरीके से दावा न किया जा सके।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार “सबके अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए” प्रतिबद्ध रहेगी, लेकिन कोई भी कानून ऐसा नहीं होना चाहिए जो आम नागरिक के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करे।
वक्फ कानून क्या है?
वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक, परोपकारी या सामाजिक उद्देश्य से दी गई संपत्ति को वक्फ माना जाता है। इसकी निगरानी वक्फ बोर्ड करता है, जो राज्य सरकारों द्वारा गठित होता है। इस कानून के तहत वक्फ संपत्तियां न तो बेची जा सकती हैं और न ही ट्रांसफर की जा सकती हैं।
हालांकि, कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जहां किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड द्वारा दावा किया गया है, जिससे विवाद खड़े होते हैं। इन्हीं विवादों को मुद्दा बनाकर तेजस्वी यादव अब सियासी चाल चल रहे हैं।
BJP का पलटवार: “वोट के लिए देश को बांटने की कोशिश”
भाजपा नेताओं ने तेजस्वी के बयान को “जनता को गुमराह करने वाला” करार दिया है। पार्टी का कहना है कि तेजस्वी न केवल कानून की गलत व्याख्या कर रहे हैं, बल्कि धार्मिक भावनाओं से खेल भी रहे हैं।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, “तेजस्वी यादव की राजनीति दिशाहीन हो चुकी है। उन्हें अब हर मुद्दे में सांप्रदायिक एंगल ढूंढना आता है। यह बिहार की शांति के लिए ठीक नहीं है।”
राजनीतिक असर और आगे की रणनीति
विशेषज्ञ मानते हैं कि तेजस्वी यादव ने यह मुद्दा चुनावी रणनीति के तहत उठाया है, ताकि एक खास वर्ग का समर्थन प्राप्त किया जा सके। वहीं भाजपा इस मुद्दे को हिंदू समाज में “भय और असंतोष” के रूप में प्रचारित करने में जुट गई है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद क्या नया मोड़ लेता है और क्या वक्फ कानून वास्तव में बिहार चुनावों का प्रमुख मुद्दा बनकर उभरता है।
वक्फ कानून बिहार, तेजस्वी यादव वक्फ विवाद, बिहार में भाजपा बनाम आरजेडी, वक्फ संपत्ति कानून 2025, बिहार विधानसभा चुनाव वक्फ मुद्दा, वक्फ बोर्ड विवाद बिहार