
तहसीलों में चल रहे भ्रष्टाचार के मुख्य आरोप:
गुरुग्राम, हरियाणा – कभी देश के सबसे विकसित ज़िलों में शुमार किया जाने वाला गुरुग्राम अब एक नए विवाद के केंद्र में आ गया है। ज़िले की विभिन्न तहसीलों में हो रहा भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चुका है कि आम जनता का भरोसा प्रशासन से उठता जा रहा है। तहसील कार्यालयों में रजिस्ट्री से लेकर राजस्व से जुड़ी हर सेवा अब कथित तौर पर ‘सेवा शुल्क’ यानी रिश्वत पर आधारित हो गई है।
तहसीलों में चल रहे भ्रष्टाचार के मुख्य आरोप:
बिक्री के स्थान पर तबादला नामा रजिस्ट्री: जहां सेल डीड होनी चाहिए, वहां स्थानांतरण रजिस्ट्रियों के जरिए संपत्तियों की खरीद-बिक्री हो रही है।
अवैध कॉलोनियों में बिना NOC के रजिस्ट्री: नियमन के बिना बनी कॉलोनियों और प्लॉटों की धड़ल्ले से रजिस्ट्री हो रही है, जिससे न सिर्फ कानून की अवहेलना हो रही है, बल्कि भविष्य में नागरिकों को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरे जिलों की रजिस्ट्री: झज्जर, रेवाड़ी, फतेहाबाद, हिसार आदि ज़िलों की संपत्तियों की रजिस्ट्री गुरुग्राम में की जा रही है, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।
ब्लड रिलेशन का फर्जीवाड़ा: किसी प्रकार का पारिवारिक संबंध न होने के बावजूद ब्लड रिलेशन बताकर ट्रांसफर डीड कराई जा रही हैं।
टारटीमा रजिस्ट्री और सेटलमेंट के ज़रिए राजस्व चोरी: बिक्री के वास्तविक रूप को छिपाकर टारटीमा (Tartima) रजिस्ट्री या सेटलमेंट के ज़रिए करोड़ों के लेन-देन को कागज़ों पर कम दिखाकर सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
GPA का गलत प्रयोग: बिना वैध कारणों के जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से संपत्ति ट्रांसफर की जा रही है, जो राजस्व की चोरी का सीधा ज़रिया बन चुका है।
रिश्तेदारों और दलालों का नेटवर्क सक्रिय
सूत्रों की मानें तो कई तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने अपने आधिकारिक कर्मचारियों को कार्य से अलग रखते हुए अपने निजी दलालों और कथित रिश्तेदारों के माध्यम से रजिस्ट्रियों की जाँच, मार्किंग और स्वीकृति की प्रक्रियाएं पूरी करवाई जाती हैं। यह पूरा तंत्र एक ‘रैकेट’ की तरह काम करता है, जहाँ हर सेवा की एक निश्चित रिश्वत दर तय होती है।
विजिलेंस की रडार पर अधिकारी
गुरुग्राम तहसीलों में वर्षों से फैले इस भ्रष्टाचार पर अब राज्य विजिलेंस विभाग की नज़र है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कई तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व अधिकारी जांच के दायरे में हैं। जल्द ही इस मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो संभवतः पूरे देश में एक मिसाल बनेंगे।
आंदोलन की तैयारी में सामाजिक संगठन
भ्रष्टाचार से त्रस्त नागरिक और अधिकार सैनानी एक बार फिर आवाज़ उठाने के लिए तैयार हैं। भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को दोबारा शुरू किया जा रहा है, और जल्द ही तहसीलों में हो रही अनियमितताओं के साक्ष्य सार्वजनिक किए जाएंगे। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा:
“अगर कोई अधिकारी इन आरोपों को गलत मानता है, तो मैं कल ही श्रीमान जी के सामने अमान्य रजिस्ट्री की कॉपियाँ और अन्य साक्ष्य पेश करने को तैयार हूँ।”
जनता कर रही न्याय की माँग
गुरुग्राम के नागरिक प्रशासन से केवल एक ही सवाल पूछ रहे हैं – “अगर सिस्टम ही लूट का हिस्सा बन जाए, तो आम आदमी कहां जाए?” यह सवाल न केवल गुरुग्राम बल्कि पूरे राज्य के लिए चेतावनी है कि अगर जल्द सख्त कार्यवाही नहीं हुई, तो प्रशासन पर से जनता का विश्वास पूरी तरह उठ जाएगा।
यदि आपके पास साक्ष्य हैं तो क्या करें?
विजिलेंस ब्यूरो या राज्य सरकार को शिकायत करें।
RTI के ज़रिए जानकारी प्राप्त करें।
जनहित याचिका दाखिल करें।
मीडिया के माध्यम से सच्चाई सामने लाएं।