
जिस जाति में फूट होगी उसके घर में लूट होगी।' - नरेश बंसल
वैश्य समाज करे राजनीति – अशोक बुवानीवाला
हरिद्वार। ‘जिस जाति में मेल होगा उसके घर में खेल होगा, जिस जाति में फूट होगी उसके घर में लूट होगी।’ यह निचोड़ है बीती रात हरिद्वार के भूपत वाला स्थित राधा कृष्ण धाम में आयोजित अग्रवाल वैश्य समाज की मंथन बैठक का। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री एवं ऋषिकेश से विधायक प्रेम प्रकाश गोयल, सोनीपत से कांग्रेस सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, भाजपा के जिला प्रभारी पंकज जैन, गुरुग्राम के युवा नेता नवीन गोयल, वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला मुख्य रूप से मौजूद थे। बैठक में कहा गया कि परिवार नियोजन के नाम पर हम दो हमारे दो, की नीति लागू की गई लेकिन वह नीति अब हम एक हमारा एक पर आ गई है जो ठीक नहीं है।
नरेश बंसल ने कहा कि वर्तमान में जो हालात बन रहे हैं ऐसे में वैश्य समाज की मनी पावर भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि आज समाज की इमेज इतनी अच्छी है की कोई संस्था, कोई पार्टी, कोई दल समाज के व्यक्ति को अध्यक्ष बना या ना बनाएं लेकिन कोषाध्यक्ष इसी समाज से बनता है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरे भारत में घूमने का अवसर मिला है और वह बता सकते हैं कि 36 राज्यों में से 25 से ज्यादा राज्यों में भाजपा के कोषाध्यक्ष इसी समाज से हैं जब वह सिक्किम गई तो कैलाश अग्रवाल वहां पार्टी के कोषाध्यक्ष थे। पूर्वोत्तर के राज्य हो या अंडमान निकोबार सभी जगह इसी समाज से आने वाले व्यक्ति को कोषाध्यक्ष बनाया जाता है। इसके पीछे कारण उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति का मानना है कि उनके मन में कोई लालच नहीं होगा और वह पैसे पैसे का हिसाब ठीक-ठाक रखेंगे। नरेश बंसल ने कहा की हरिद्वार ऐसा स्थान है जहां मोक्ष मिलता है यह मां गंगा की धरती है यहां बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने देश और समाज को दिशा देने के लिए बड़े-बड़े विचार विमर्श किए हैं और वर्तमान में अग्रवाल वैश्य समाज यहां पर दो दिन चिंतन और मंथन करेगा। उन्होंने कहा कि अशोक भवानी वाला के नेतृत्व में समाज एकजुट होकर आगे बढ़े तो समाज को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। नरेश बंसल ने कहा कि हमें एक दूसरे की टांग खींचने के विचार उसका हाथ खींचकर आगे बढ़ना चाहिए।
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जहां भी काम कर रहे हो निष्ठा से कम करें
नरेश बंसल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आप जिस भी राजनीतिक दल या संगठन में काम कर रहे हैं उसमें निष्ठा से काम करें। उन्होंने कहा कि वह बैंक में नौकरी करते थे 2001 में उन्होंने वीआरएस लिया तो यह सोच कर लिया था कि उन्हें 2002 का विधानसभा चुनाव लड़ना है। उन्हें पहले पार्टी के टिकट मिला लेकिन वह कट गया। इसके बाद उन्हें चुनाव का संयोजक बनाया गया लेकिन बदकिस्मत रही कि भाजपा चुनाव हार गई। मुख्यमंत्री चुनाव लड़े और पार्टी चुनाव हार गए यह बहुत कम होता है लेकिन ऐसा हुआ लेकिन उन्होंने हर नहीं मानी वह पार्टी के लिए लग रहे पार्टी ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष बनाया और अब राज्यसभा सांसद भी बना दिया। उन्होंने कहा कि सभी को अपने संगठन अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा से काम करना चाहिए और वह जरूर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने राज्यसभा सांसद के लिए न तो कोई लाबिंग की और न ही किसी को कोई एक कप चाय पिलाया।
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में ऋषिकेश से विधायक प्रेम प्रकाश गोयल ने कहा कि आज समाज में संतान कम हो रही है जिस कारण मैनपॉवर घटने लगी है। उन्होंने कहा कि समय के साथ मिलकर कदम बढ़ाना सीखना चाहिए। प्रेम प्रकाश गोयल ने कहा कि समाज के प्रत्येक घर में अगर दो बच्चे भी हैं तो एक बच्चे को समाज और राजनीति के प्रति कार्य करने के लिए छोड़ देना चाहिए और एक बच्चे को घर परिवार संभालना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी कवि ने कहा है संगठन गढ़े चलो सुपात्र पर बढ़े चलो भला हो जिसमे देश का वह सब काम किए चलो।
सोनीपत से सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने सीधे शब्दों में अपने सांसद होने के पीछे अग्रवाल समाज का समर्थन होना बताया। उन्होंने कहा कि अगर अग्रवाल समाज के साथ नहीं मिलता तो वह कभी भी संसद नहीं बन सकते थे। उन्होंने कहा कि सोनीपत, जींद, पिल्लूखेड़ा, सफीदों, गोहाना हर क्षेत्र में उन्हें अग्रवाल समाज का पूरा समर्थन मिला है। अग्रवाल समाज की इस बात के लिए भी प्रशंसा की थी जो भी संस्थान बनते हैं उनमें 99% भूमिका अग्रवाल समाज की होती है। इस समाज के सहयोग के बिना मंदिर, धर्मशाला, आश्रम, गौशाला नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि अगर अग्रवाल समाज अग्रसेन जी के विचारों पर चलता रहेगा तो निश्चित तौर पर समाज का भला होगा और जब अग्रवाल समाज का भला होगा तो देश का भी बहुत भला होगा।
गुरुग्राम के युवा नेता नवीन गोयल ने कहा कि आज देश में अग्रवाल समाज के प्रतिष्ठान काम हो रहे हैं और यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि राजनीति में सिर गिने जाते हैं। समाज के सिर कम हो रहे हैं और हमें इस दिशा में सोचना होगा।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि देश की राजनीति में जिस प्रकार से आज क्षेत्रवाद, पहाड़वाद मैदानीवाद आ रहा है वह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि इसी पहाड़ वाद के कारण प्रेम प्रकाश गोयल को मंत्री नहीं बनाया गया। उन्होंने नरेश बंसल को सीधे शब्दों में कहा कि उत्तराखंड में भी वैश्य समाज का 7 फीसद वोट बैंक है। अगर इस प्रकार से समाज की अनदेखी होगी तो समाज आने वाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेगा।