
नगर निगम में बैठे अधिकारी सरकार के सभी प्रयासों को फेल करने में लगे हुए। मानेसर नगर निगम भ्रष्टाचार की भेंट चड्ढा, गांव की हालत खराब।
नगर निगम में बैठे अधिकारी सरकार के सभी प्रयासों को फेल करने में लगे हुए।
मानेसर नगर निगम भ्रष्टाचार की भेंट चड्ढा, गांव की हालत खराब।
गुरुग्राम मानेसर 17 जुलाई।
हरियाणा प्रदेश का औद्योगिक क्षेत्र के नाम से परिचित मानेसर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गांव की हालत बरसात के दिनों में इतनी खराब है की स्कूली बच्चे गंदे पानी गिरते रहते हैं लेकिन नगर निगम की ओर से गांव के विकास के लिए करोड़ अरबो रुपए पिछले 6 वर्ष में खर्च हो चुके हैं मगर मानेसर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले अधिकतर गांव बरसात के पानी में डुबा हुआ है जबकि सरकार की तरफ से मानेसर औद्योगिक क्षेत्र और मानेसर गांव के आसपास एक दर्जन गांव इस समय विकास के लिए मोहताज है सरकार की ओर से प्रयास जरूर किया जा रहे हैं मगर नगर निगम में बैठे अधिकारी सरकार के सभी प्रयासों को फेल करने में लगे हुए।
मानेसर नगर निगम की बात की जाए तो नगर निगम लगातार भ्रष्टाचार को लेकर विवाद में रहा है कहीं सफाई एजेंसी का भ्रष्टाचार और कहीं विकास कार्यों का भ्रष्टाचार और कहीं लाइट लगाने में भ्रष्टाचार यह निगम लगातार भ्रष्टाचार को लेकर अखबारों की सुर्खियों में भी बना रहता है उसके बाद में सरकार की ओर से भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है इसके चलते ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा और अधिकारी कर्मचारी मोज ले रहे हैं।
इस गांव की स्थिति पर नंबरदार सुखे का कहना है गांव की हालत इतनी खराब है कि यहां से बच्चों को क्या महिलाएं भी गंदे पानी में गिरती पड़ती हुई एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती है नगर निगम को खोजती है सरकार को इसका घोषित ठहरती है क्योंकि निगम के अधिकारी मामूली सी बरसात के पानी को निकालने में सफल है वही गांव की गलियों में गांव का गंदा पानी भरा रहता है।
नगर निगम मानेसर के निवासी पूर्व सैनिक रमेश यादव का कहना है कि गांव की हालत को देखकर अधिकतर ग्रामीण गांव छोड़ रहे हैं इसका कारण नगर निगम द्वारा लापरवाही और गलियों में गंदा पानी बताया जाता है मानेसर गांव के आसपास सेक्टर स्थापित हो गए हैं लेकिन उन क्षेत्रों की हालत भी ठीक नहीं है जिसके चलते अब हर व्यक्ति हर ग्रामीण नगर निगम मानेसर के अधिकारियों पर सवाल उठा रहे हैं इसी गांव के संदीप यादव का कहना है गांव में विकास कार्यों की बजाय विनाश हो रहा है जिसका दोषी सरकार के साथ-साथ नगर निगम मानेसर भी है उन्होंने कहा जो आता है वह खाकर चला जाता है ग्रामीणों को झूठे आश्वासन दिए जाते हैं लेकिन विकास नहीं हो पता यहां सफाई व्यवस्था शर्म रही हुई है सफाई के नाम पर सरकार करोड़ों अरबो रुपए खर्च करती है लेकिन मानेसर और आसपास के गांव में सफाई के नाम पर मात्र लिपा होती होती है लेकिन सफाई नहीं हो पा रही है सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा की जो सफाई एजेंसी है वह मुख्यमंत्री के आसपास के लोगों की होती है इसलिए भी विकास कार्य और सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जाता है यहां तो इतना बुरा हाल है एक पैसे की जगह 50 पैसे खर्च होते हैं उसके बावजूद भी सफाई और विकास नहीं हो पा रहा है नगर निगम लगातार भ्रष्टाचार कर रहा है जिससे अब मानेसर ही नहीं आसपास के ग्रामीण भी परेशान।
जब इस पूरे मामले में मानेसर नगर निगम कमिश्नर से फोन के माध्यम से संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो सकता जिसके चलते उनका सरकारी पक्ष नहीं लिया जा सका