
52 से अधिक मकान मालिकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज
गुरुग्राम में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के विरुद्ध पुलिस द्वारा वेरिफिकेशन अभियान जारी
गुरुग्राम, हरियाणा 26 जुलाई हरियाणा पुलिस द्वारा गुरुग्राम जिले में विगत 15 दिनों से चलाए जा रहे विशेष वेरिफिकेशन अभियान के अंतर्गत अवैध रूप से निवास कर रहे विदेशी नागरिकों की पहचान व कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है, जिसमें बिना वैध वीजा, पासपोर्ट अथवा पहचान-पत्र के रह रहे नागरिकों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
अब तक गुरुग्राम पुलिस द्वारा करीब 400 से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों का सत्यापन किया गया, जिनमें से 10 बांग्लादेशी नागरिकों को विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 (Foreigners Act) के अंतर्गत हिरासत में लिया गया है। इनके विरुद्ध डिपोर्टेशन (देश वापसी) की प्रक्रिया केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से प्रारंभ कर दी गई है।
डिटेंशन सेंटर की व्यवस्था
पुलिस द्वारा अस्थायी रूप से चार होल्डिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं — सेक्टर 10A, सेक्टर 40, बादशाहपुर और मानेसर में — जहाँ जांच हेतु व्यक्तियों को रखा गया। इनमें से अधिकांश की पहचान भारतीय नागरिकों के रूप में की गई है एवं उन्हें रिहा कर दिया गया है।
स्थानीय नागरिकों एवं संस्थाओं को चेतावनी
पुलिस द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि:
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कोई भी मकान मालिक, उद्योगपति या संस्था विदेशी नागरिक को बिना पुलिस सत्यापन के आवास या रोजगार प्रदान न करे।
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ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध विदेशी नागरिक अधिनियम व भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
अब तक ऐसे 52 से अधिक मकान मालिकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा चुकी है जिन्होंने नियमों का उल्लंघन कर विदेशी नागरिकों को किराए पर रहने की अनुमति दी थी।
शिक्षण संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश
जिन निजी या सरकारी शिक्षण संस्थानों द्वारा ऐसे बच्चों को प्रवेश दिया गया है जिनके माता-पिता के दस्तावेज संदिग्ध हैं, उनके विरुद्ध भी जाँच प्रारंभ कर दी गई है। यदि किसी स्कूल ने बिना वैध कागजात के प्रवेश दिया है, तो उसके विरुद्ध शिक्षा विभाग के माध्यम से विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक समरसता का अनुरोध
पुलिस विभाग आम जनता से अपील करता है कि वह इस अभियान को सांप्रदायिक या भाषाई रंग देने से परहेज़ करें। यह केवल कानूनी और सुरक्षा मानकों पर आधारित एक वैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी धर्म, जाति या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा रहा।