
पटना।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर से चौंकाने वाला मोड़ आया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक नए राजनीतिक गठबंधन की घोषणा की है। यह गठबंधन पांच छोटे दलों के साथ मिलकर बनाया गया है, जिनमें से कुछ के नाम तक गूगल पर आसानी से नहीं मिलते। इतना ही नहीं, एक पार्टी तो ऐसी भी है जिसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर केवल तीन फॉलोअर्स हैं। हमारा गठबंधन सामाजिक न्याय, सामाजिक हक और संपूर्ण बदलाव की भावना से प्रेरित है। ये पांचों दल जनता की सच्ची आवाज़ हैं, जिन्हें अब तक दबाया गया। हम मिलकर एक नई राजनीतिक क्रांति की शुरुआत करेंगे राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेज प्रताप का यह गठबंधन राजनीतिक मजबूरी है या प्रचार की रणनीति — इसका विश्लेषण वक्त करेगा। लेकिन सोशल मीडिया के जमाने में जब राजनीतिक दल अपनी पकड़ और पहुंच का प्रचार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करते हैं, उस दौर में इस गठबंधन की पार्टियां गूगल पर खोजने पर भी नहीं मिलतीं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन पांच दलों में से एक पार्टी का X (Twitter) पर सिर्फ तीन फॉलोअर्स हैं, और उसकी आखिरी पोस्ट छह महीने पुरानी है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि यह गठबंधन जमीनी स्तर पर कोई खास असर नहीं डाल सकेगा। वरिष्ठ विश्लेषक संजय कुमार कहते हैं:
“तेज प्रताप यादव का यह गठबंधन न तो जनाधार पर आधारित है और न ही संगठनात्मक ढांचे पर। इसे ज्यादा से ज्यादा एक राजनीतिक नौटंकी या खबरों में बने रहने की कोशिश कहा जा सकता है।”सोशल मीडिया पर इस गठबंधन को लेकर खूब चुटकुले और मीम्स बन रहे हैं। एक यूजर ने लिखा,
“तेज प्रताप यादव ने जो गठबंधन किया है, वो उतना ही अदृश्य है जितनी उनकी खुद की राजनीतिक रणनीति फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप यादव इस गठबंधन के जरिए बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ ला पाते हैं। लेकिन मौजूदा हालात में यह गठबंधन ज्यादा गंभीरता से कम, और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का विषय ज्यादा बन गया है।