
जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नींद से जागें मुख्यमंत्री - दिग्विजय चौटाला
जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नींद से जागें मुख्यमंत्री – दिग्विजय चौटाला
चंडीगढ़, 7 अगस्त। जननायक जनता पार्टी के युवा प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने प्रदेश में जलभराव को लेकर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा के चुने हुए प्रतिनिधि विधायक, मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में जलभराव से ग्रस्त लोगों की सुध तक नहीं ले रहे है। दिग्विजय ने कहा कि आज हालात ये हो गए है कि भिवानी के मंढाना गांव में जलभराव के कारण बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए रास्ता तक नहीं मिला, जो कि हरियाणा के इतिहास का काला दिन है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश की सरकार किसी के अंतिम संस्कार के दौरान आ रही परेशानी के लिए गंभीर नहीं हो सकती, उस प्रदेश की विफल सरकार से लोग और क्या उम्मीद रखेंगे। दिग्विजय ने कहा कि आज प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी जलभराव के कारण किसानों की फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है, इसलिए सरकार पीड़ित किसानों को तुरंत उचित मुआवजा दें औऱ मुख्यमंत्री नींद से जागकर किसानों की पीड़ा को समझे। दिग्विजय ने यह भी कहा कि सरकार की व्यवस्था की कमी कारण आज हालात चिंताजनक बन गए है।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों व खासकर गांव मंढाना, मुंढाल, तालू, जताई, बडेसरा, पूर, कुंगड़, धनाना आदि में हालात बद से बद्तर है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह तक अपने गांव से जलभराव का पानी नहीं निकलवा पा रहे है और आलम यह है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जलभराव से परेशान ग्रामीणों की समस्या दूर करने की बजाए आए दिन झूठी घोषणाएं करते रहते है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जलभराव से सबसे ज्यादा परेशानियां ग्रामीणों के साथ-साथ किसानों को हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों को जलभराव से नहीं बचा पाए, लेकिन सरकार के चुने हुए प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी लेने से बचते दिखाई दे रहे है। दिग्विजय सिंह ने भाजपा को किसानों का विरोधी बताते हुए कहा कि आज बवानीखेड़ा के हालात खराब होते जा रहे और किसानों की फसल खराब हो रही, वहीं आम लोगों को महामारी से बचाने के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाएं है। दिग्विजय चौटाला ने मुख्यमंत्री से तुरंत जलभराव की स्थिति से निपटने की मांग की, ताकि क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके और क्षेत्र में कोई महामारी ना फैल।