
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक दल हर संभव हथकंडा अपनाने में जुट गए हैं। इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने रक्षाबंधन के मौके पर राज्य की महिलाओं को 2 पन्नों का खुला पत्र लिखकर अपने नाम की ‘तेजस्वी राखी’ बांधने की अपील की है। हालांकि, इस कदम को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे चुनावी लाभ के लिए त्योहार की भावनाओं से खिलवाड़ बताया है। तेजस्वी के पत्र में महिलाओं को सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कई वादे किए गए हैं। लेकिन आलोचकों का कहना है कि जिन वादों को वे अब गिना रहे हैं, उन पर वे पहले मौका मिलने पर अमल नहीं कर पाए। विपक्ष का आरोप है कि आरजेडी नेता ने रक्षाबंधन जैसे पवित्र रिश्ते को राजनीतिक प्रचार के लिए इस्तेमाल किया है। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, “तेजस्वी यादव चुनावी मौसम में बहनों को सपनों के महल दिखा रहे हैं, लेकिन जब मौका मिला तो महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार पर ठोस काम नहीं किया। अब राखी बांधने की अपील करना सिर्फ वोट पाने की कोशिश है।” सोशल मीडिया पर भी तेजस्वी की अपील को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई यूजर्स ने लिखा कि त्योहार को राजनीति से जोड़ना गलत है, जबकि कुछ ने इसे चुनावी ‘इमोशनल कार्ड’ करार दिया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रक्षाबंधन जैसे सांस्कृतिक त्योहार पर इस तरह का राजनीतिक संदेश जनता के बीच उलटा असर भी डाल सकता है, खासकर तब, जब लोग इसे वोट बैंक साधने की कोशिश मान लें। अब यह देखने वाली बात होगी कि ‘तेजस्वी राखी’ की यह अपील चुनावी मैदान में उन्हें फायदा पहुंचाती है या उलटा नुकसान कराती है।