
एक्सप्रेसवे पर हर महीने लगभग दो दर्जन के आसपास लोगों की मौत हो जाती है।
इस एक्सप्रेसवे पर हर महीने लगभग दो दर्जन के आसपास लोगों की मौत हो जाती है।
गुरुग्राम ,दिल्ली जयपुर एक्सप्रेसवे पर हो रहे रोड एक्सीडेंट की घटनाओं ने प्रसासन और ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है।रविवार को हुई एक पंचायत में ग्रामीणों ने रोड एक्सीडेंट के मुद्दों को उठाया था। गांव के सरपंचो का कहना है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले दिनों में दिल्ली-जयपुर हाइवे को “मौत का हाईवे” कहा जाएगा। ।जानकारों के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे पर हर महीने लगभग दो दर्जन के आसपास लोगों की मौत हो जाती है।
सबसे ज्यादा हादसे वाले स्थान
महीने में तीन से चार लोगो की मौत हो जाती है।
खुखर पुर के पूर्व सरपंच कृष्ण यादव के मुताबिक मानेसर चौक: महीने में 3-4 मौतें , पंचगाव चौक: महीने में 3-5 मौतें ,बिलासपुर चौक: महीने में 4-5 मौतें , भुड़का राठीवास चौक: महीने में 3-4 मौतें ,इसके अलावा दिल्ली जयपुर ऐक्सप्रेसवे पर शंकर चौक से रेवाड़ी तक महीने में तीन से चार लोगो की मौत हो जाती है।
रोड एक्सीडेंट के कारण
ट्रैफिक जानकारों की माने तो रोड एक्सीडेंट का सबसे बड़ा कारण पैदल चलने वाले लोग है। फुटब्रिज न होने के कारण लोग सड़कों के बीच में रास्ता क्रॉस करते हैं और तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। दूसरा कारण बाइकर्स एक्सप्रेवे पर तेज रफ्तार से बाइक चलाते है जो एक्सीडेंट का एक बड़ा कारण है। तीसरा करना रोड एक्सीडेंट में घायल व्यक्तियों की मदद के लिए 112 नंबर जारी किया गया है, लेकिन अक्सर पीसीआर वैन समय पर नहीं पहुंचती, जिससे घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है।
प्रत्येक साल मौत के आकड़े।
2024 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 मे 184 सड़क दुर्घटना हुई थी जिसमे 99 लोगो की मौत हुई थी तो वही 2023 में 108 सड़क दुर्घटना हुई थी जिसमे 45 लोगो थी। इन दोनों आकड़ो पर नजर डाले तो 2023 के मुकाबले 2024 में रोड एक्सीडेंट में मौत मामले में 44 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।