
अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर आचार्य लोकेशजी को कर्नाटक के राज्यपाल ने बधाई दी
परमाणु निरस्त्रीकरण और शांतिपूर्ण विश्व के लिये राष्ट्राध्यक्ष और आध्यत्मिक गुरु एकसाथ बैठे-आचार्य लोकेशजी
बैंगलोर / नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025: विश्व शांति केंद्र व अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेशजी का लंदन में “परमाणु निरस्त्रीकरण और शांतिपूर्ण विश्व के लिए अंतर्राष्ट्रीय मार्च” के दौरान प्रतिष्ठित “अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार” से सम्मनित होकर बैंगलुरु पहुंचने पर कर्नाटक के राज्यपाल माननीय श्री थावरचंद गहलोत एवम आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर जी ने स्वागत करते हुए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।
अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर आचार्य लोकेशजी को कर्नाटक के राज्यपाल ने बधाई दी
परमाणु निरस्त्रीकरण और शांतिपूर्ण विश्व के लिये राष्ट्राध्यक्ष और आध्यत्मिक गुरु एकसाथ बैठे-आचार्य लोकेशजीकर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि विश्व शंतिदूत आचार्य लोकेशजी ने लंदन में “अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार” से सम्मनित होकर भारत को गौरंवित किया है। आचार्य लोकेशजी ने देश दुनिया में विश्व शांति, अहिंसा और अंतरधार्मिक सद्भावना के लिये उल्लेखनीय प्रयास किये है । भारतीय संतों और आध्यात्मिक गुरुओ ने तप, प्राचीन ज्ञान, अहिंसा, सार्वभौमिक प्रेम और एकता जैसे सिद्धांतों के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना करने का सदैव प्रयास किया है।
आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर जी ने कहा कि आचार्य लोकेश विश्व जनमानस के लिये प्रेरणा स्तोत्र हैं। उन्होने धर्म को अध्यात्म और समाज सेवा से जोड़कर मानव कल्यान के लिए अद्भूत उदाहरण प्रस्तुत किया है। गुरुग्राम में स्थापित विश्व शांति केंद्र के माध्यम से उनके प्रयासो में हमारा सहयोग सदैव रहेगा। परमाणु निरस्त्रीकरण एक चुनौती है जिसके लिये वैश्विक स्तर पर ठोस प्रयास करने होंगे ।
विश्व शंतिदूत आचार्य लोकेशजी ने कहा कि गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी भी हाल ही में विभिन्न देशो में मानवता और आध्यात्म क संदेश देकर भारत लौटे हैं।उन्होंने तनावमुक्त एवं हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी आंदोलन चलाया है। देश के आशीर्वाद के साथ हम और अधिक उर्जा से विश्व को परमाणु हथियारो, युद्ध और हिंसा से मुक्त कराने के विश्व शांति केंद्र के माध्यम से प्रयत्न करेंगे| उन्होने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण और शांतिपूर्ण विश्व के लिये राष्ट्राध्यक्ष और आध्यत्मिक गुरु एकसाथ बैठकर वर्ता करनी होगी ।