
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान के तहत गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में आज एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब ठीक 2047 स्कूली बच्चे विकसित भारत 2047 की थीम को जीवंत करते हुए एक स्वर में ‘वंदे मातरम’ का गान किया।
– विकसित भारत 2047 की थीम पर 2047 स्कूली बच्चों ने किया ‘वंदे मातरम’ का सामूहिक गान, देशभक्ति के स्वर से गूंजा ताऊ देवीलाल स्टेडियम
गुरुग्राम, 13 अगस्त।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान के तहत गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में आज एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब ठीक 2047 स्कूली बच्चे विकसित भारत 2047 की थीम को जीवंत करते हुए एक स्वर में ‘वंदे मातरम’ का गान किया। स्टेडियम में गूंजते इन राष्ट्रभक्ति के स्वरों ने ऐसा माहौल बनाया, जिसमें हर हृदय तिरंगे के रंग में रंग गया।
आकाश की ओर हाथ लहराते हुए और स्वर लहरियों के माध्यम से एक अद्वितीय दृश्य पेश किया।
कार्यक्रम में चारों ओर तिरंगे की लहर, बच्चों के उत्साहपूर्ण चेहरे और जोश से भरे स्वर मानो यह संदेश दे रहे थे कि भारत का भविष्य उज्ज्वल और आत्मनिर्भर है। विद्यार्थियों की संगठित प्रस्तुति ने न केवल दर्शकों को भावविभोर कर दिया, बल्कि यह संकल्प भी मजबूत किया कि वर्ष 2047 तक भारत को पूरी तरह विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने रंग-बिरंगी वेशभूषा, आकाश की ओर हाथ लहराते हुए और स्वर लहरियों के माध्यम से एक अद्वितीय दृश्य पेश किया।
इस अवसर पर डीसी अजय कुमार ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों का एक साथ ‘वंदे मातरम’ गाना केवल एक सांस्कृतिक गतिविधि नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ी के राष्ट्रप्रेम, भाईचारे और जिम्मेदारी की भावना का प्रतीक है। वर्तमान के विद्यार्थी हमारे भविष्य के निर्माता हैं और इनकी देशभक्ति ही विकसित भारत का पथ आलोकित करेगी।