
पंडित चाणक्य गुप्त शर्मा ने कहा था की एक राजा का शासन तभी तक तर्क संगत है जब तक प्रजा के हित में है वर्ना उसका कोई मतलब नहीं होता है एक राज को सबसे पहले अपने प्रजा के लिए सुशासन स्थापित करना चाहिए एक मूल मंत्र है बहुजन हिताए , बहुजन सुखाए इस बात को में इस लिए बोल रही हूँ की बिहार में वो नहीं है बिहार विधान सभा चुनाव अब नजदीक है नीतीश कुमार के जुमलों का दौर जारी है अभी हाल ही में एक मुद्दा बड़ा गरमाया हुआ है बिहार में TRE4 यानि Teacher Recruitment Exam का ये (BPSC) यानि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक परीक्षा है यह परीक्षा राज्य के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है ऐसे में बिहार लोक सेवा आयोग ने एक बार फिर बड़े स्तर पर शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग जल्द ही टीआरई 4.0 (Teacher Recruitment Exam 4.0) की अधिसूचना जारी करने वाला है, जिसके तहत राज्य में 1 लाख 60 हजार से अधिक शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक के पद शामिल हैं। लेकिन इस बार भर्ती की घोषणा के साथ ही अभ्यर्थियों में सवाल भी उठ रहे हैं। वजह साफ है—पिछली भर्तियों का अधूरा और धीमा अनुभव। बीपीएससी ने पिछले एक साल में लगातार टीआरई 1.0, 2.0 और 3.0 के जरिए हजारों पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। लेकिन हकीकत यह है कि कई पद अब भी खाली पड़े हैं। जिन परीक्षाओं के नतीजे आए भी, उनमें नियुक्ति पत्र देने में देरी हुई। दस्तावेज़ सत्यापन और काउंसलिंग प्रक्रिया महीनों तक अटकी रही। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग और सरकार केवल संख्या का खेल खेल रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर स्कूलों में शिक्षक की कमी जस की तस बनी हुई है। पिछली भर्तियों में शामिल अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि हम सालों से तैयारी कर रहे हैं, परीक्षा देते हैं, लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया हमेशा विवादों में घिर जाती है। कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और कभी कोर्ट केस, तो कभी तकनीकी खामियों के कारण भर्ती अधर में लटक जाती है। अब फिर से नितीश कुमार एक और वादा लेकर ऐ है की आने वाले 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। राज्य में उद्योग लगाने और स्वरोजगार करने वालों को कई प्रकार की सुविधाएं देकर सरकार उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। अब बिहार में उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाएगा।