
हाई अलर्ट के बावजूद जलभराव की समस्या को नजरअंदाज करना शासन और प्रशासन की लापरवाही - अशोक बुवानीवाला बिमारियों के रोकथाम के लिए भी प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए भिवानी, 2 सितम्बर। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने मौसम विभाग द्वारा जारी हुए हाई अलर्ट के बावजूद जलभराव की समस्या को नजरअंदाज करना शासन और प्रशासन की हर बार की तरह बरती गई लापरवाही को दर्शाता है।
हाई अलर्ट के बावजूद जलभराव की समस्या को नजरअंदाज करना शासन और प्रशासन की लापरवाही – अशोक बुवानीवाला
बिमारियों के रोकथाम के लिए भी प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए
भिवानी, 2 सितम्बर। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने मौसम विभाग द्वारा जारी हुए हाई अलर्ट के बावजूद जलभराव की समस्या को नजरअंदाज करना शासन और प्रशासन की हर बार की तरह बरती गई लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद हुए जलभराव ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, मौसम विभाग द्वारा इस बार अच्छी बारिश के अलर्ट के बावजूद शासन व प्रशासन जलभराव की समस्या को नजरअंदाज करते हुए गहरी नींद में सोया हुआ है। अशोक बुवानीवाला ने शहर में हुए जलभराव की समस्या पर कहा कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से शहरवासियों को नारकिय जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा अच्छी बारिश के अनुमान के बावजूद बरसाती पानी की निकासी के लिए बने नालों की सफाई तक नहीं करवाई गई। नालों में जमा गंदगी बारिश आते ही गलियों व सडक़ों पर फैल गई है और बरसाती पानी लोगों के घरों व प्रतिष्ठानों में भर चुका है। इस गंदगी से फैलने वाली बिमारियों के रोकथाम के लिए भी प्रशासन ने अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए है। बुवानीवाला ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार भारी वर्षा को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया था। बावजूद इसके शहर में जलभराव की समस्या ने एक बार फिर शासन और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। नगर के विभिन्न प्रमुख इलाकों, आवासीय कॉलोनियों और व्यावसायिक बाजारों में घुटनों तक पानी भरने से आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यह स्थिति यह साबित करती है कि हर बार की तरह इस बार भी प्रशासनिक तंत्र ने न केवल मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज किया बल्कि जनता की सुरक्षा और सुविधा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना है। इसके बावजूद शहर में नालों की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम की मजबूती और पानी निकासी की व्यवस्थाओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिन इलाकों को हर बार संवेदनशील माना जाता है, वहां भी जलभराव रोकने के लिए न तो पंप लगाए गए और न ही वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए। शहर के प्रमुख बाजारों तथा आवासीय क्षेत्रों में पानी भर जाने से लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। दुकानदारों का लाखों रुपए का सामान खराब हो गया, जबकि आम नागरिकों को अपने घरों में घुटनों तक पानी के बीच दिन गुजारना पड़ा। स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी करनी पड़ी और अस्पतालों तक जाने वाले रास्ते जलमग्न हो गए, जिससे मरीजों को भीषण परेशानी उठानी पड़ी। यह पहली बार नहीं है कि प्रशासन ने ऐसी लापरवाही बरती है। पिछले कई वर्षों से बरसात के मौसम में हर बार जलभराव की समस्या सामने आती है। बारिश के दौरान शहर की सडक़ें तालाब में बदल गईं। सीवर लाइनें ओवरफ्लो कर गईं और गंदा पानी घरों में घुस गया। यह स्थिति साफ तौर पर बताती है कि नगर परिषद और प्रशासन ने मानसून से पहले नालों की सफाई और सीवर की मरम्मत जैसे कार्य नहीं किए। जलभराव के कारण डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अशोक बुवानीवाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब प्रशासन को पहले से अलर्ट मिला हुआ था, तब भी इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि नगर परिषद, जिला प्रशासन और संबंधित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के अधिकारियों से जवाब मांगा जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।