
आज का नक्षत्र -: धनिष्ठा रात्रि 10/56 तक उसके बाद शतभिषा नक्षत्र स्वामी - : मंगल/राहु
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
अर्थ.
“मैं भगवान विष्णु ,जिनका स्वरूप अत्यंत शांत है, जो शेषनाग पर शयन करते हैं, जिनकी नाभि में कमल है और जो देवताओं के भी ईश्वर (सुरेश) हैं. जो विश्व (ब्रह्मांड) के आधार हैं, जो आकाश के समान सर्वत्र विद्यमान हैं और जिनका वर्ण बादलों जैसा शुभ है. जो लक्ष्मी के प्रिय (लक्ष्मीकांत) हैं, जिनके नेत्र कमल के समान सुंदर हैं, और जिन्हें योगीजन ध्यान के माध्यम से प्राप्त करते हैं. मैं उन भवभय-हर (संसार के भय को दूर करने वाले) और सर्वलोकैकनाथ (सभी लोकों के एकमात्र स्वामी) उन भगवान विष्णु की वंदना करता हूँ”.
जय जय श्री राधे
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति II
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2082
संवत्सर नाम -: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा-: सूर्य
संवत्सर मंत्री-: सूर्य
सूर्य दक्षिणायण, ऋतु-: शरद
सूर्य उदय : प्रातः 6/05
सूर्य अस्त : सायं 6/34
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 6/9/2025
दिन-: शनिवार
चंद्रमा-: मकर राशि में
राशि स्वामी-: शनि
आज का नक्षत्र -: धनिष्ठा रात्रि 10/56 तक उसके बाद शतभिषा
नक्षत्र स्वामी – : मंगल/राहु
✨️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश-:
प्रात: 5/43 से धनिष्ठा नक्षत्र चरण 2 में
11/43 से धनिष्ठा नक्षत्र चरण 3 में
सायं 5/40 से धनिष्ठा नक्षत्र चरण 4 में
रात्रि 10/56 से शतभिषा नक्षत्र चरण 1 में
योग-: प्रात: 11/52 तक अतिगंड-: यह एक अशुभ योग है इसमें शुभ कार्य वर्जित हैं
उसके बाद सुकर्मा -: यह एक शुभ योग है
आज के मुख्य पर्व/भद्रा/पंचक/गन्डमूल आदि
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– : अनंत चतुर्दशी, पंचक चालू हैं
♻️आज की शुभ दिशा -: दक्षिण,पश्चिम,दक्षिण-पश्चिम
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♻️ दिशा शूल -: पूर्व दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर अदरक और उड़द खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
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सूर्य -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी चरण 2 में ( नक्षत्र स्वामी शुक्र) सायं 6/58 से चरण 3 में
मंगल -: कन्या राशि (राशि स्वामी बुद्ध) चित्रा नक्षत्र चरण 1 में
बुद्ध -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य)मघा नक्षत्र चरण 4 में ( नक्षत्र स्वामी केतु) सायं 4/42 से पूर्वा फाल्गुनी चरण 1 में ( नक्षत्र स्वामी शुक्र)
गुरु -: मिथुन राशि (राशि स्वामी बुद्ध) पुनर्वसु नक्षत्र चरण 2 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
शुक्र -: कर्क राशि (राशि स्वामी चंद्र) आश्लेषा नक्षत्र चरण 1 में सायं 6/13 से चरण 2 में
शनि(वक्री) -: मीन राशि (राशि स्वामी गुरु)उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में(नक्षत्र स्वामी शनि)
राहु-: कुंभ (राशि राशि स्वामी शनि)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
केतु-: सिंह राशि( राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शुक्र)
राहु काल -: दोपहर 2/00 से दोपहर 3/30 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
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प्रात-: 6/54 तक सिंह
9/10 तक कन्या
दोपहर 11/28 तक तुला
1/47 तक वृश्चिक
3/51 तक धनु
5/34 तक मकर
सायं 7/02 तक कुम्भ
रात्रि 8/26 तक मीन
10/02 तक मेष
11/57 तक वृष