
11 सितंबर /भारत-नेपाल की दोस्ती और रिश्तों का इतिहास सदियों पुराना है। चाहे धार्मिक, सांस्कृतिक या पारिवारिक संबंध हों, दोनों देशों के बीच एक विशेष नजदीकी हमेशा रही है। इसी रिश्ते को मजबूत करने वाला सबसे अहम कदम 31 जुलाई 1950 को उठाया गया था, जब भारत और नेपाल के बीच शांति और मित्रता संधि पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते ने दोनों देशों के रिश्तों को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया और आज भी उसी के आधार पर भारत-नेपाल की खुली सीमा (Open Border) कायम है।इस संधि के तहत भारत और नेपाल ने एक-दूसरे के साथ खुले बॉर्डर की व्यवस्था स्वीकार की। यानी दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा और पासपोर्ट के एक-दूसरे के देश में आ-जा सकते हैं, रह सकते हैं, व्यापार कर सकते हैं और यहां तक कि नौकरी भी कर सकते हैं। इसके अलावा इस संधि में यह प्रावधान भी किया गया कि दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा और संप्रभुता का सम्मान करेंगे और किसी भी तीसरे देश से खतरे की स्थिति में मिलकर रक्षा करेंगे।