
भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कंगना ने अपने खिलाफ दर्ज मानहानि केस को खारिज करने के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने यह याचिका वापस ले ली। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला केवल री-ट्वीट का नहीं है, बल्कि इसमें अतिरिक्त टिप्पणी की गई है, जिसे ट्रायल के जरिए परखा जाना जरूरी है।यह पूरा विवाद वर्ष 2021 के किसान आंदोलन से जुड़ा है। उस समय कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर एक महिला प्रदर्शनकारी को लेकर टिप्पणी की थी। कंगना ने उस महिला को शाहीन बाग आंदोलन की चर्चित बुजुर्ग महिला बिलकिस बानो बताया था। इस टिप्पणी को लेकर किसान संगठनों और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद कंगना के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई।सुप्रीम कोर्ट में कंगना की ओर से दलील दी गई थी कि उनका ट्वीट किसी व्यक्ति की छवि खराब करने के उद्देश्य से नहीं था। उनका कहना था कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा है और इसे आपराधिक मामले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। लेकिन अदालत ने यह तर्क मानने से इंकार कर दिया और कहा कि यह मामला महिला की गरिमा से जुड़ा है, जिसकी सच्चाई केवल ट्रायल में सामने आ सकती है।अब यह केस निचली अदालत में आगे बढ़ेगा। कंगना रनौत को वहां अपनी सफाई पेश करनी होगी। गौरतलब है कि कंगना अक्सर अपने बयानों और ट्वीट्स को लेकर विवादों में घिरती रही हैं, और यह मामला भी उसी सिलसिले की एक कड़ी माना जा रहा है।