
13,09,2025 / रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का दायरा अब भारतीय युवाओं तक पहुँच गया है। चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पढ़ाई और छोटे-मोटे काम के लिए रूस गए कई भारतीय युवाओं को धोखे से सेना में भर्ती कर दिया गया है। इन्हें जबरन हथियार थमा कर यूक्रेन के मोर्चे पर भेजा जा रहा है।दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश सामने आया जिसमें राजस्थान के ग्राम दीपपुरा राजाजी निवासी संदीप सुंडा दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में संदीप ने बताया कि उन्हें हथियार चलाना तक नहीं आता, फिर भी उन्हें जबरन युद्धभूमि में भेज दिया गया। उनके साथ दर्जनभर भारतीय युवक और दिखाई दे रहे हैं, जो डरे और असहाय नजर आ रहे हैं। सभी युवकों को अपनी जान की चिंता सताने लगी है।संदीप ने बताया कि वे रूस में पढ़ाई कर रहे थे और पार्ट-टाइम एक स्टोर पर काम भी करते थे। इस दौरान उन्हें एक एजेंसी के जरिए नौकरी का ऑफर मिला, जिसमें कहा गया था कि ड्राइवर की पोस्ट पर उन्हें 2 लाख रुपये महीना मिलेगा। आकर्षक ऑफर के कारण उन्होंने सहमति दे दी। इसके बाद उनसे रशियन भाषा में लिखे एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करवाए गए। असली खेल यहीं हुआ कॉन्ट्रैक्ट की आड़ में उन्हें सेना में भर्ती कर सीधे बॉर्डर पर भेज दिया गया।यह मामला उजागर होने के बाद भाजपा नेताओं ने विदेश मंत्री और रूस स्थित भारतीय दूतावास से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। नेताओं ने आग्रह किया है कि संदीप समेत सभी भारतीय युवाओं को जल्द से जल्द खोज कर सुरक्षित भारत लाया जाए।अब बड़ा सवाल यही है कि भारत सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाएगी। क्या संदीप और अन्य युवा सुरक्षित स्वदेश लौट पाएंगे, या फिर उन्हें रूस-यूक्रेन के इस खूनी संघर्ष में लड़ते रहना पड़ेगा? यह मामला न केवल इन युवाओं के जीवन से जुड़ा है, बल्कि विदेशी धरती पर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़ा करता है।यह घटना साफ करती है कि जंग की आग में फंसे निर्दोष नागरिक सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं। अब सबकी निगाहें भारत सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं।