
दोस्तों, बिहार की राजनीति में इस समय ऐसी खलबली मची है कि हर किसी की निगाहें लालू परिवार और RJD पर टिकी हैं!…. क्या तेजस्वी यादव की कुर्सी को लेकर परिवार के अंदरूनी खेल सामने आ रहे हैं?और क्यों लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य — वही बेटी जिसने अपने पिता को किडनी दान करके नया जीवन दिया – अचानक अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट कर देती हैं?और क्यों तेजप्रताप ने एक बार फिर से पार्टी के जयचंदों पर हमला बोलने लगे। आज हम खोलेंगे इस पूरे विवाद के हर राज और हर संकेत सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि रोहिणी आचार्य कौन हैं।
रोहिणी लालू यादव की बेटी है और RJD नेता भी।
और यह वही बेटी हैं, जिन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान कर नया जीवन दिया था।
इस कदम ने उन्हें सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी लोगों की नजरों में खास बना दिया।”मामला शुरू हुआ शुक्रवार 19 सितंबर 2025 को।रोहिणी ने अपने X/X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की।
इस पोस्ट में उन्होंने लिखा:मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी. मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान सर्वोपरि है.एंकर:यहाँ साफ़ दिखाई देता है कि रोहिणी का मकसद सत्ता या पद नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और परिवार के सिद्धांत हैं।उनके इस ट्वीट के बाद आरजेडी में भूचाल आ गया कुछ राजनीतिक विश्लेषकों कह रहे है इस ट्वीट का कारण आरजेडी सांसद संजय यादव हो सकते हैं, जो तेजस्वी यादव के सलाहकार भी हैं।दरअसल, बिहार अधिकार यात्रा के दौरान एक तस्वीर वायरल हुई थी।
इसमें संजय यादव तेजस्वी यादव की गाड़ी की अगली सीट पर बैठे हुए दिखाई दिए।
इसी पर रोहिणी ने अपनी पोस्ट शेयर की और लिखा:वंचितों व समाज के आखिरी पायदान पर खड़े वर्ग-समूह को आगे लाना ही राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू यादव जी के सामाजिक-आर्थिक न्याय के अभियान का मूल मकसद रहा है, इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है।रोहणी आचार्य के इन पोस्ट से उनकी नाराजगी की चर्चा सुरु हो गई है इस नाराजगी के पीछे सबसे बड़ी वजह तेजस्वी के सलाहकार और आरजेडी के राजयसभा सांसद यादव की वर्तमान भूमिका को माना जा रहा है कहा जा रहा है की संजय तेजस्वी को परिवार से दूर कर रहे है.यानी उन्होंने सीधे नाम नहीं लिया, लेकिन उनका संदेश साफ़ था कि पार्टी में कुछ असंतोष नजर आया।
यह पोस्ट वायरल होने के बाद रोहिणी ने अपने अकाउंट को प्राइवेट कर दिया, ताकि आलोचना और विवाद को रोका जा सके।अब इस कहानी में शामिल होते हैं तेज प्रताप यादव।तेज प्रताप, जो पहले से पार्टी से नाराज़ हैं, उन्होंने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने सीधे नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत साफ थे। उन्होंने कहा:कुछ लोग पार्टी के भीतर गुटबाजी कर रहे हैं और दूसरों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमेशा परिवार और पार्टी की एकता को बनाए रखना चाहिए, नहीं तो नुकसान होता है।इससे साफ होता है कि तेज प्रताप संजय यादव की गतिविधियों से असहमत हैं और पार्टी में एकता बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, रोहिणी ने अपने अकाउंट को प्राइवेट करने के पीछे दो मुख्य वजहें हो सकती हैं: पहला ,,,निजी राय को लेकर संभावित आलोचना से बचाव।दूसरा ,,, परिवार और पार्टी के भीतर किसी विवाद को बढ़ने से रोकना।
सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट तेजी से वायरल हुई और अकाउंट प्राइवेट करना जनता और राजनीतिक पार्टियों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया।कुछ लोग इसे समझदारी भरा कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे विवाद को छुपाने की कोशिश कह रहे हैं।इस मामले ने बिहार की आगामी विधानसभा चुनाव की राजनीति में हलचल मचा दी है।चुनाव से पहले लालू परिवार और RJD नेताओं के हर कदम पर मीडिया और जनता की नजर है।रोहिणी के ट्वीट और अकाउंट प्राइवेट करने के कदम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पार्टी में किसी प्रकार का विभाजन या आंतरिक मतभेद दिखाई दे सकता है।और क्या यह पार्टी की चुनावी रणनीति और प्रदर्शन पर असर डाल सकता है?”अभी तक रोहिणी ने इस विवाद पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।उनका अकाउंट प्राइवेट होना यह दिखाता है कि वे फिलहाल अपने निजी और राजनीतिक जीवन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं।दोस्तों, अब सभी की नजरें रोहिणी के अगले कदम और पार्टी की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रोहिणी अपने विचारों को फिर से सार्वजनिक करेंगी या सोशल मीडिया पर और अधिक सीमित रखेंगी।