मुंबई :मुंबई की सत्र न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के एक मामले को दो आरोपियों को अग्रिम जमानत देने इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि ऑफिस में किसी महिला कर्मचारी से सार्वजानिक तौर पर यह कहना कि तुम्हारा फिगर बहुत अच्छा है और उसे बाहर डेट पर चलने के लिए कहना, यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है। अदालत ने रियल एस्टेट की एक कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर (42) और सेल्स मैनेजर (30) ऐसे ही यौन उत्पीड़न के मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें आरोपी को अग्रिम जमानत दी जाए। जज ए आर खान ने कहा कि हर मामले के अलग-अलग पहलू होते हैं। किसी मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरुरत होती है और किसी मामले में नहीं।
यौन उत्पीड़न का यह मामला महिला ने बीते अप्रैल महीने की 24 तारिख को पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाया था। शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, महिला का पीछा करने और अश्लील इशारे करने का मामला दर्ज किया था। इस घटना के बाद यह मामला पुलिस की दहलीज तक पहुंचा था। इस मामले में सरकारी वकील ने अदालत के समक्ष 1 मार्च से 14 अप्रैल के बीच हुई घटना का ब्यौरा रखा था। जिसमें महिला के यौन उत्पीड़न का जिक्र था।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी महिला से कहते थे कि मैडम आपने खुद बहुत अच्छे से मेंटेन किया है। आपका फिगर बहुत अच्छा है। क्या मैडम मेरे साथ बाहर जाने के बारे में कुछ सोचा कि नहीं? इस बात की शिकायत महिला ने अपने ऑफिस के साथ-साथ पुलिस स्टेशन में की है। मामला दर्ज होने के बाद दोनों आरोपियों ने जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया और यह कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। इसपर प्रॉसक्यूशन ने अदालत के सामने अपने विरोध जताया और कहा कि इन आरोपियों की पुलिस हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
इस मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि सेल्स मैनेजर के पिता और ऑफिस के अन्य कर्मचारियों ने पीड़िता पर दबाव बनाने का प्रयास किया था। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मामला गंभीर है और एक महिला की गरिमा से जुड़ा हुआ है। इस मामले में दूर आरोपी ने भी महिला के यौन उत्पीड़न के साथ उसकी गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है। वर्क प्लेस पर गन्दी और अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया गया।