
अब देखना यह होगा कि यह आंतरिक खेमाबंदी भाजपा संगठन पर क्या असर डालती है और फरीदाबाद की राजनीति किस दिशा में जाती है।
फरीदाबाद नगर राजनीति में सियासी उठापटक तेज, मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को घेरने के लिए बन रहा नया खेमाबंदी गठबंधन
फरीदाबाद 3 अक्टूबर। फरीदाबाद की स्थानीय राजनीति में नया मोड़ सामने आ रहा है, जहां भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद नगर निगम के भीतर कमजोर करने की रणनीति बनाई जा रही है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार, हरियाणा सरकार में मंत्रीगण — विपुल गोयल, राजेश नागर, और गौरव गौतम — एक आंतरिक गुट बनाकर स्थानीय सत्ता समीकरणों को पुनः परिभाषित करने में लगे हुए हैं।
इस गठबंधन की ताजा मिसाल सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए हो रहे टकराव में सामने आई, जहां भाजपा के पास नगर निगम में 46 में से 39 पार्षद होने के बावजूद चुनाव अब तक आयोजित नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि मंत्रीगणों द्वारा प्रस्तावित उम्मीदवारों को गुर्जर समर्थक पार्षदों द्वारा स्वीकार नहीं किया गया, जिससे स्थिति गतिरोध में पहुंच गई।
गौर करने योग्य बात यह है कि पहले गौरव गौतम को कृष्णपाल गुर्जर का राजनीतिक शिष्य माना जाता था। लेकिन हाल की घटनाओं से स्पष्ट होता है कि दोनों नेताओं के बीच मतभेद उभर चुके हैं। कई विकास परियोजनाओं एवं उद्घाटन कार्यक्रमों से केंद्रीय मंत्री का नाम हटाए जाने की घटनाएं इसकी पुष्टि करती हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह खेमाबंदी न केवल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में असर डालेगी, बल्कि फरीदाबाद की भाजपा इकाई में नेतृत्व की दिशा को भी निर्धारित कर सकती है। भाजपा में चल रहे इस आंतरिक सियासी संघर्ष पर जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की नजर बनी हुई है।
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अभी भी फरीदाबाद की राजनीति में एक सशक्त चेहरा हैं। तीन बार के सांसद रहते हुए उन्होंने क्षेत्र में कई विकास परियोजनाएं शुरू की हैं। वहीं विपुल गोयल, राजेश नागर और गौरव गौतम भी वर्तमान हरियाणा सरकार में प्रभावशाली पदों पर हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं।
अब देखना यह होगा कि यह आंतरिक खेमाबंदी भाजपा संगठन पर क्या असर डालती है और फरीदाबाद की राजनीति किस दिशा में जाती है।