
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक सफर सिर्फ एक नेता की चुनावी यात्रा नहीं, बल्कि हरियाणा की राजनीति का एक जीवंत इतिहास है। शुरुआती दौर में विधानसभा चुनावों में दो बार हार झेलने के बाद, उन्होंने लोकसभा और विधानसभा दोनों स्तरों पर खुद को साबित किया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा: 14 चुनावों में 10 जीत, 4 हार — 4 दशकों का सियासी सफर
तीन बार चौधरी देवी लाल को हराया
हरियाणा की राजनीति में चार दशकों से सक्रिय, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का चुनावी सफर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने अब तक 14 चुनावों में भाग लिया, जिनमें से 10 बार जीत दर्ज की, जबकि 4 बार हार का सामना करना पड़ा।
हुड्डा का राजनीतिक सफर न केवल चुनावी आंकड़ों की कहानी है, बल्कि हरियाणा की बदलती सियासत और नेतृत्व शैली का भी प्रतिबिंब है।
️ चुनाव दर चुनाव: भूपेंद्र हुड्डा का प्रदर्शन
वर्ष | चुनाव | सीट | नतीजा | जीत/हार का अंतर |
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1982 | हरियाणा विधानसभा | किलोई | ❌ हार | -4,553 वोट |
1987 | हरियाणा विधानसभा | किलोई | ❌ हार | -15,023 वोट |
1991 | लोकसभा | रोहतक | ✅ जीत | +30,573 वोट |
1996 | लोकसभा | रोहतक | ✅ जीत | +2,664 वोट |
1998 | लोकसभा | रोहतक | ✅ जीत | +383 वोट |
1999 | लोकसभा | रोहतक | ❌ हार | -144,693 वोट |
2000 | विधानसभा | किलोई | ✅ जीत | +11,958 वोट |
2004 | लोकसभा | रोहतक | ✅ जीत | +150,435 वोट |
2005 | विधानसभा उपचुनाव | किलोई | ✅ जीत | +103,635 वोट |
2009 | विधानसभा | किलोई | ✅ जीत | +72,100 वोट |
2014 | विधानसभा | किलोई | ✅ जीत | +47,185 वोट |
2019 | लोकसभा | सोनीपत | ❌ हार | -164,864 वोट |
2019 | विधानसभा | किलोई | ✅ जीत | +58,312 वोट |
2024 | विधानसभा | किलोई | ✅ जीत | +71,465 वोट |
तीन बार चौधरी देवी लाल को हराया
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक कद तब और ऊंचा हुआ जब उन्होंने हरियाणा के कद्दावर नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल को लगातार तीन लोकसभा चुनावों में शिकस्त दी —
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1991,
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1996, और
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1998 में।
यह उपलब्धि उन्हें राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में अलग पहचान दिलाने वाली मानी जाती है।
2019: सबसे निराशाजनक चुनाव
2019 का चुनाव हुड्डा परिवार के लिए सबसे मुश्किल भरा साबित हुआ।
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स्वयं भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव हार गए,
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वहीं उनके पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी रोहतक लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
यह पहली बार था जब पिता-पुत्र दोनों को एक ही चुनाव में हार मिली।
2024 में फिर से दमदार वापसी
हालांकि 2019 की हार के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार वापसी की। उन्होंने किलोई सीट से 71,465 वोटों से जीत दर्ज की और प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक सफर सिर्फ एक नेता की चुनावी यात्रा नहीं, बल्कि हरियाणा की राजनीति का एक जीवंत इतिहास है। शुरुआती दौर में विधानसभा चुनावों में दो बार हार झेलने के बाद, उन्होंने लोकसभा और विधानसभा दोनों स्तरों पर खुद को साबित किया। आज भी वे राज्य की राजनीति में कांग्रेस के सबसे मजबूत चेहरे माने जाते हैं।