
करण-: दोपहर 12/25 तक वणिज उसके बाद विष्टी
करण-: दोपहर 12/25 तक वणिज उसके बाद विष्टी
7 अक्टूबर 2025
आञ्जनेयमतिपाटलाननं काञ्चनाद्रिकमनीय विग्रहम्।
पारिजाततरूमूल वासिनं भावयामि पवमाननंदनम्॥
अर्थात -:मैं उन हनुमान जी का ध्यान करता हूं, जिनका चेहरा सुर्ख है और जिनका शरीर सोने के पहाड़ की तरह चमकता है, जो सभी वरदानों को प्रदान कर सकते हैं और सभी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं और जो पारिजात वृक्ष के नीचे रहते हैं।
जय जय श्री राधे
जय माता की
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति II
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2082
संवत्सर नाम -: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा-: सूर्य
संवत्सर मंत्री-: सूर्य
सूर्य दक्षिणायण, ऋतु-: शरद
सूर्य उदय : प्रातः 6/22
सूर्य अस्त : सायं 5/56
आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 7/10/2025
दिन-: मंगलवार
चंद्रमा-: मीन राशि में
राशि स्वामी-: गुरु
आज का नक्षत्र -: रेवती
नक्षत्र स्वामी – : बुद्ध
✨️ आज चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश-:
प्रात: 4/02 से रेवती चरण 1 में
9/23 से रेवती नक्षत्र चरण 2 में
दोपहर 2/45 से रेवती नक्षत्र चरण 3 में
रात्रि 8/06 से रेवती नक्षत्र चरण 4 में
आज का करण और योग आदि
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करण-: दोपहर 12/25 तक वणिज उसके बाद विष्टी
योग-: ध्रुव प्रात: 9/31 तक : यह एक शुभ योग है इसमें शुभ कार्य करने चाहिए
उसके बाद व्याघात: यह एक अशुभ योग है इसमें धोखा मिलता है
आज के मुख्य पर्व/भद्रा/पंचक/गन्डमूल आदि
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– : आश्विन पूर्णिमा, महर्षि वाल्मीकि जयंती, कार्तिक स्नान नियम प्रारंभ, आकाश दीपदान प्रारंभ,पंचक रात्रि 1/28 तक हैं, गन्डमूल,
आज की शुभ दिशा -: दक्षिण-पूर्व
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♻️ दिशा शूल -: उत्तर दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर गुड खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
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सूर्य -: कन्या राशि (राशि स्वामी बुद्ध) हस्त नक्षत्र चरण 3 में ( नक्षत्र स्वामी चंद्र) प्रात: 11/09 से चरण 4 में
मंगल -: तुला राशि (राशि स्वामी शुक्र) स्वाति नक्षत्र चरण 4 में ( नक्षत्र स्वामी राहु)
बुद्ध -: तुला राशि (राशि स्वामी बुद्ध) चित्रा नक्षत्र चरण 3 में ( नक्षत्र स्वामी मंगल) दोपहर 12/18 से स्वाति नक्षत्र चरण 1 में ( नक्षत्र स्वामी राहु)
गुरु -: मिथुन राशि (राशि स्वामी बुद्ध) पुनर्वसु नक्षत्र चरण 3 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
शुक्र -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य) उत्तरा फाल्गुनी चरण 1 में(नक्षत्र स्वामी सूर्य)
शनि(वक्री) -: मीन राशि (राशि स्वामी गुरु)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
राहु-: कुंभ (राशि राशि स्वामी शनि)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
केतु-: सिंह राशि( राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी शुक्र)
राहु काल -: दोपहर 3/00 से 4/30 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
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प्रात-: 7/07 तक कन्या
9/26 तक तुला
11/44 तक वृश्चिक
दोपहर 1/48 तक धनु
3/31 तक मकर
सायं 4/59 तक कुम्भ
6/23 तक मीन
7/59 तक मेष
रात्रि 9/54 तक वृष
12/08 तक मिथुन