
07.10.25,परासिया (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के परासिया में बनी एक खतरनाक कफ सिरप ने कई मासूम बच्चों की जान ले ली। अब जांच में जो सच्चाई सामने आई है, उसने पूरे स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोल दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस फैक्ट्री में यह सिरप तैयार किया गया, वहां जंग लगे उपकरणों, गंदगी और बदइंतजामी का आलम था। कोई योग्य केमिस्ट उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी के लिए मौजूद नहीं था, जबकि दवा बनाने में इस्तेमाल किए गए कच्चे माल की कोई गुणवत्ता जांच भी नहीं की गई।
यानी कि जिस दवा से बच्चों को राहत मिलनी चाहिए थी, वही उनकी जान लेने का कारण बन गई। जांच अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री ने बार-बार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर न तो निरीक्षण हुआ और न ही किसी ने चेतावनी दी।
जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में बनाए जा रहे सिरप में विषाक्त रासायनिक तत्वों की मात्रा अत्यधिक थी। यही वजह रही कि इसे पीने वाले बच्चों की तबीयत तेजी से बिगड़ती चली गई। कई मामलों में सिरप पीने के कुछ घंटे बाद ही बच्चों की मौत हो गई।
अब प्रशासन ने फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कर दिया है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। ड्रग कंट्रोल विभाग ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है और कहा है कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जांच अधिकारी का कहना है:
“फैक्ट्री में न तो सुरक्षा मानक पूरे किए गए थे, न ही किसी दवा की टेस्टिंग रिपोर्ट उपलब्ध थी। यह सीधा-सीधा मानव जीवन से खिलवाड़ है।”
यह घटना एक बार फिर भारत की दवा निर्माण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है — क्या मुनाफे की दौड़ में इंसानी ज़िंदगियां इतनी सस्ती हो गई हैं?