
दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स (NCSC) ने सुओ मोतु कॉग्निज़ेंस लेते हुए चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी
उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त सिविल कोर्ट की शक्तियों का प्रयोग
एनसीएससी ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और डीजीपी को 7 दिन में रिपोर्ट देने का नोटिस किया जारी
चंडीगढ़ 8 अक्तूबर — दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स (NCSC) ने सुओ मोतु कॉग्निज़ेंस लेते हुए चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आयोग ने कहा है कि वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए इस मामले की जांच, पूछताछ करेगा।
आयोग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में सभी आरोपियों के नाम, एफआईआर संख्या, तारीख और धाराएं, आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित के परिवार को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) का विवरण शामिल होना चाहिए।
एनसीएससी द्वारा मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजे गए सूचना पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है, “कृपया ध्यान दें कि यदि आयोग को निर्धारित समय सीमा के भीतर आपका उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त सिविल कोर्ट की शक्तियों का प्रयोग करते हुए आपकी व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग में हाजिरी के लिए सम्मन जारी कर सकता है।