
भिवानी, 11 अक्टूबर। जिलाधीश साहिल गुप्ता ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए विस्फोटक अधिनियम 1884 के तहत जिला भिवानी की सीमाओं के अंदर पूरे वर्ष सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलीवरी सहित) और फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया है।
– भारी वायु/ध्वनि प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट समस्याओं के चलते जिलाधीश साहिल गुप्ता ने लगाई धारा 163
– पूरे वर्ष सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध
भिवानी, 11 अक्टूबर। जिलाधीश साहिल गुप्ता ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए विस्फोटक अधिनियम 1884 के तहत जिला भिवानी की सीमाओं के अंदर पूरे वर्ष सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलीवरी सहित) और फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध भारी वायु/ध्वनि प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट समस्याओं के चलते लगाया गया है। इस आदेश का पालन न करने/उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता, 2023, विस्फोटक अधिनियम, 1884, विस्फोटक नियम, 2008 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 की संबंधित धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधीश साहिल गुप्ता ने अपने आदेशों में कहा है कि सीडब्ल्यूपी में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण से संबंधित कई विशेषज्ञ टिप्पणियों और अन्य रिपोर्टों में कहा है कि सर्दियों के दौरान विशेष रूप से अक्टूबर से जनवरी तक, एनसीआर और इसके आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ हरियाणा राज्य में वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है। यह भी देखा गया है कि सर्दियों के महीनों के दौरान होने वाली विभिन्न प्रासंगिक घटनाएं हरियाणा राज्य में वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ा देती हैं, विशेष रूप से भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के जिलों में ऐसी विभिन्न घटनाओं में, पटाखे फोड़ना भी वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाता है क्योंकि पटाखे न केवल धातु के कण, खतरनाक विषाक्त पदार्थ, हानिकारक रसायन और हानिकारक गैसों को हवा में छोड़ते हैं, बल्कि पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे हानिकारक कण पदार्थों को भी बढ़ाते हैं
जिलाधीश ने अपने आदेशों में कहा है कि उच्च वायु प्रदूषण के कारण गंभीर पर्यावरणीय जोखिम उत्पन्न होते हैं, जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से जनसंख्या के कमजोर वर्गों जैसे बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन और हृदय रोग से ग्रस्त लोगों आदि पर प्रदूषण पर्यावरण का गहरा प्रभाव पड़ता है। हरियाणा राज्य के एनसीआर क्षेत्र में आने वाले जिलों में पूरे वर्ष सभी प्रकार के पटाखों के विनिर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन विपणन प्लेटफार्मों के माध्यम से वितरण सहित) और फोड़ने पर प्रभावी प्रतिबंध लगाने के लिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत निर्देशों की आवश्यकता है।
हरियाणा राज्य के एनसीआर क्षेत्र में आने वाले जिलों में पूरे वर्ष सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलीवरी सहित) और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुझाव पर सरकार के निर्देशों की अनुपालन में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163, विस्फोटक अधिनियम, 1884, विस्फोटक नियम की निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला भिवानी की सीमाओं के भीतर पूरे वर्ष सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलीवरी सहित) और फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भिवानी के क्षेत्रीय अधिकारी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों/एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही सभी विभागों/बोर्डों/निगमों के साथ साथ आमजन से आदेशों की पालना में पूर्ण सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं पुलिस अधीक्षक, डीएमसी, सभी उपमंडल मजिस्ट्रेट, सभी तहसीलदार/नायब तहसीलदार/बीडीपीओ, डीएसपी, ई.ओ./सचिव, नगर समितियां, सभी पुलिस थानों के एसएचओ, अग्निशमन अधिकारी निर्देश दिए हैं कि वे आदेशों की पालना सुनिश्चित करें।अपने अपने क्षेत्रों में लोगों को पटाखे नहीं चलाने के बारे में जागरूक करें।
वहीं जिलाधीश ने आमजन से आह्वान किया है कि वे प्रदूषण को नियंत्रण करने के चलते किसी भी प्रकार के पटाखे ना जलाएं। बच्चों को इस बारे में जागरूक करें।