
चंडीगढ़ 13 अक्टूबर 2025 / हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला अब राजनीतिक और सामाजिक विवाद में बदल गया है। शनिवार को कई राजनीतिक दलों के नेता पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अमनीत कौर और परिवार से मिलने उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पहुंचे। इस दौरान नेताओं ने हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।वही रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ में दलित समाज के संगठनों ने एक महापंचायत आयोजित की, जिसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और पूर्व रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया की गिरफ्तारी की मांग करते हुए उन्हें पद से हटाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया। इस महापंचायत में 31 सदस्यीय समिति ने यह मांग की। समिति ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आगे की कार्रवाई करेंगे।वही जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का पूरन कुमार की पत्नी के सरकारी आवास पर उनसे मुलाकात करने के लिए पहुंचेंगे।
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि पूरे देश में इस घटना को लेकर आक्रोश है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अगले तीन दिनों तक राज्य के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। राव नरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि वाई पूरन कुमार को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या का बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि पार्टी और समाज परिवार के साथ खड़ा है और दोषियों को सजा दिलाए बिना यह संघर्ष खत्म नहीं होगा।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यदि न्याय देने वाले सीनियर आईपीएस अधिकारी को खुद न्याय नहीं मिला तो पूरे सिस्टम पर सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि जातिगत उत्पीड़न के आरोप स्वयं उन अधिकारियों पर लगे हैं जो कानून-व्यवस्था के मुख्य संरक्षक हैं। हुड्डा ने पूरे देश और दलित समाज से सरकार पर दबाव बनाने की अपील की कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए।
पंजाब के
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की और कहा कि अमनीत पी. कुमार, पंजाब की बेटी होने के बावजूद हरियाणा में इंसाफ की गुहार लगानी पड़ रही है। सीएम मान ने राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की और परिवार के समर्थन में खड़े होने की बात कही।आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने लिखा कि एक पढ़े-लिखे, सक्षम दलित परिवार के बेटे को सिर्फ जातिगत भेदभाव और प्रताड़ना के कारण आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि अगर न्याय के उच्च पदों पर भी ऐसा हो सकता है, तो आम दलित नागरिकों के साथ क्या हो रहा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वाई पूरन कुमार की मौत पर दुख जताया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की पूरी जांच कराएगी और किसी को भी प्रताड़ित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि इस मुद्दे पर राजनीति न की जाए।कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने भी परिवार से मुलाकात की और कहा कि यह घटना न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक न्याय और संवैधानिक मर्यादाओं पर चोट है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे सुसाइड नहीं बल्कि शहादत बताया। उन्होंने रोहतक के एसपी के तबादले को केवल दिखावा करार दिया और कहा कि असली सजा तब होगी जब दोषियों को जेल भेजा जाएगा।इस पूरे घटनाक्रम ने हरियाणा में सामाजिक न्याय, दलित अधिकार और संवैधानिक मर्यादाओं पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। विपक्ष और सत्ताधारी दल दोनों इस मामले में सक्रिय हैं, और पूरे देश की निगाहें हरियाणा सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं