
हे हिमालायराज की कन्या,विश्व को आनंद देने वाली,नंदी गणों के द्वारा नमस्कृत,गिरिवर विन्ध्याचल के शिरो (शिखर) पर निवास करने वाली,भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने
आज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति
आज का नक्षत्र -: पुनर्वसु प्रात: 11/55 तक उसके बाद पुष्य
अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥
अर्थ-हे हिमालायराज की कन्या,विश्व को आनंद देने वाली,नंदी गणों के द्वारा नमस्कृत,गिरिवर विन्ध्याचल के शिरो (शिखर) पर निवास करने वाली,भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने वाली,इन्द्रदेव के द्वारा नमस्कृत,भगवान् नीलकंठ की पत्नी,विश्व में विशाल कुटुंब वाली और विश्व को संपन्नता देने वाली हे महिषासुर का मर्दन करने वाली भगवती!अपने बालों की लता से आकर्षित करने वाली पर्वत की पुत्री तुम्हारी जय हो,जय हो,जय हो ।
जय जय श्री राधे
जय माता की
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति II
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2082
संवत्सर नाम -: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा-: सूर्य
संवत्सर मंत्री-: सूर्य
सूर्य दक्षिणायण, ऋतु-: शरद
सूर्य उदय : प्रातः 6/24
सूर्य अस्त : सायं 5/50
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रात: 11/11 तक
अंग्रेजी दिनांक-: 14/10/2025
दिन-: मंगलवार
चंद्रमा-: कर्क राशि में
राशि स्वामी-: चंद्र
आज का नक्षत्र -: पुनर्वसु प्रात: 11/55 तक उसके बाद पुष्य
नक्षत्र स्वामी – : गुरु/शनि
✨️ आज चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश-:
प्रात: 6/44 से पुनर्वसु चरण 4 में
दोपहर 11/56 से पुष्य नक्षत्र चरण 1 में
सायं 6/17 से पुष्य नक्षत्र चरण 2 में
रात्रि 12/27 से पुष्य नक्षत्र चरण 3 में
आज का करण और योग आदि
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करण-: दोपहर 12/25 तक बव उसके बाद कौलव
योग-: सिद्ध -: यह एक शुभ योग है इसमें रुके हुए कार्य में प्रयास होने पर कार्य सफल होते हैं
आज के मुख्य पर्व/भद्रा/पंचक/गन्डमूल आदि
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आज की शुभ दिशा -: दक्षिण-पूर्व
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♻️ दिशा शूल -: उत्तर दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर गुड खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
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सूर्य -: कन्या राशि (राशि स्वामी बुद्ध) चित्रा नक्षत्र चरण 1 में ( नक्षत्र स्वामी मंगल)
मंगल -: तुला राशि (राशि स्वामी शुक्र) विशाखा नक्षत्र चरण 1 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
बुद्ध -: तुला राशि (राशि स्वामी बुद्ध)स्वाति नक्षत्र चरण 3 में ( नक्षत्र स्वामी राहु)
गुरु -: मिथुन राशि (राशि स्वामी बुद्ध) पुनर्वसु नक्षत्र चरण 3 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
शुक्र -: कन्या राशि (राशि स्वामी बुद्ध) उत्तरा फाल्गुनी चरण 3 में(नक्षत्र स्वामी सूर्य)
शनि(वक्री) -: मीन राशि (राशि स्वामी गुरु)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
राहु-: कुंभ (राशि राशि स्वामी शनि)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
केतु-: सिंह राशि( राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 3 में (नक्षत्र स्वामी शुक्र)
राहु काल -: दोपहर 3/00 से 4/30 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
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प्रात-: 6/39 तक कन्या
8/58 तक तुला
11/16 तक वृश्चिक
दोपहर 1/20 तक धनु
3/03 तक मकर
सायं 4/31 तक कुम्भ
5/54 तक मीन
7/31 तक मेष
रात्रि 9/26 तक वृष
11/40 तक मिथुन