
देशभक्ति से भरे शब्द और आक्रोश सुसाइड नोट में संदीप ने खुद को देशभक्त बताया और लिखा कि उनके पूर्वज सेना में रहे हैं — जिनमें से एक बर्मा युद्ध के दौरान सात साल कैद में भी रहे। उन्होंने खुद को भगत सिंह का अनुयायी बताया और लिखा कि वह हमेशा सच्चाई के साथ खड़े रहे।
रोहतक में एएसआई की आत्महत्या से सनसनी, सुसाइड नोट में आईपीएस वाई. पूरन कुमार पर गंभीर आरोप
रोहतक 14 अक्टूबर 2025:
हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली, जिससे पुलिस महकमे और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। घटना स्थल से एक सुसाइड नोट और सर्विस पिस्तौल बरामद हुई है। सुसाइड नोट में एएसआई ने हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार, जातिवाद और सिस्टम को हाईजैक करने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
घटना रोहतक पुलिस लाइन स्थित साइबर सेल कार्यालय में घटी, जहां एएसआई संदीप लाठर ने खुद को अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से गोली मार ली। फौरन ही साथी पुलिसकर्मियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई।
❖ सुसाइड नोट में क्या लिखा है?
मौके से मिले सात पेज के सुसाइड नोट में एएसआई संदीप लाठर ने कहा है कि:
“वाई. पूरन कुमार एक भ्रष्ट अफसर हैं। उनके खिलाफ मेरे पास पुख्ता सबूत हैं। मैं किसी अहम जांच का हिस्सा था, जिसमें उनके गनमैन सुशील कुमार की भूमिका भी संदिग्ध थी। मुझे डर था कि इस मामले में मुझे फंसाया जा सकता है, इसलिए मैं यह कदम उठा रहा हूं।”
एएसआई ने आरोप लगाया कि पूरन कुमार ने जातिवाद का सहारा लेकर सिस्टम को हाईजैक कर लिया और अपने पद का दुरुपयोग किया।
❖ देशभक्ति और व्यक्तिगत पृष्ठभूमि का उल्लेख
सुसाइड नोट में एएसआई संदीप ने लिखा:
“मैं संदीप कुमार, पुत्र दयानंद, गांव जुलाना, जिला जींद से हूं। मेरे दादा और छोटे दादा सेना में रहे और देश के लिए लड़े। छोटे दादा सात साल बर्मा युद्ध में कैदी रहे। मेरी रगों में देशभक्ति है। भगत सिंह मेरे आदर्श हैं।”
उन्होंने लिखा कि उन्होंने हमेशा सत्य और ईमानदारी के साथ काम किया। शुरुआती दिनों में दिक्कतें आईं, लेकिन उनका मन हमेशा सच्चाई के साथ था।
❖ भ्रष्टाचार और जातिवाद पर सीधा हमला
“आज समाज में सबसे बड़ा मुद्दा है भ्रष्टाचार और जातिवाद। ईमानदारी से काम करना मुश्किल हो गया है। पूरन कुमार जैसे अफसर जाति का सहारा लेकर सिस्टम को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी लिखा कि भाजपा सरकार में कुछ ईमानदार अफसर थे जिन्होंने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई, लेकिन कुछ अधिकारी जैसे पूरन कुमार इस व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
❖ राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल संभव
इस मामले ने हरियाणा के प्रशासन और सियासत में हलचल मचा दी है, खासकर ऐसे समय में जब पहले से ही वाई. पूरन कुमार की मौत को लेकर विवाद चल रहा है।
अब सवाल उठने लगे हैं कि:
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क्या वाई. पूरन कुमार वास्तव में भ्रष्टाचार में शामिल थे?
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क्या एएसआई को सच्चाई सामने लाने के डर से निशाना बनाया गया?
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क्या यह आत्महत्या है या किसी दबाव का नतीजा?
❖ मांग: निष्पक्ष जांच हो
एएसआई संदीप लाठर ने अपने नोट में यह साफ-साफ लिखा है कि उनकी इस “शहादत” के बाद इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और “भ्रष्ट परिवार को बख्शा न जाए।”