हालाकि, बढ़ते AQI ko मध्य नजर रखते हुए अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि जब तक ज़रूरी न हो, घर के अंदर रहें और खतरनाक हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए मास्क पहनें। बच्चों और बुजुर्गों का खासकर ध्यान रखने की अपील की है।
दिल्ली में इस वक्त का AQI 183 है वायु प्रदूषण से लड़ाई जारी है , 370 से ज़्यादा रिकॉर्ड किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
दिल्ली 3 दिसंबर। दिल्ली में वायु प्रदूषण से लड़ाई जारी है, दिल्ली में आज सुबह 5 बजे, कई इलाकों में average air quality index 370 से ज़्यादा रिकॉर्ड किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वही आपको बता दे कि दिल्ली के 40 मॉनिटरिंग स्टेशनों से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक, सुबह 7:05 बजे 14 स्टेशनों पर AQI 401 से ज़्यादा रिकॉर्ड किया गया। जिसमें आनंद विहार, चांदनी चौक,अशोक विहार, जहांगीरपुरी और नेहरू नगर समेत कई अन्य इलाके उन इलाकों में से थे जहां सबसे ज़्यादा पॉल्यूशन लेवल रिपोर्ट किया गया।
हालाकि, बढ़ते AQI ko मध्य नजर रखते हुए अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि जब तक ज़रूरी न हो, घर के अंदर रहें और खतरनाक हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए मास्क पहनें। बच्चों और बुजुर्गों का खासकर ध्यान रखने की अपील की है।
शहरों के लोगों की जान भी इन्हीं जहरीली हवाओं में सीमट कर रह जाएगी
पर अब सवाल ये है कि आखिर कब तक दिल्ली वालों को इन जहरीली हवाओं में ही सास लेना पड़ेगा? क्या दिल्ली दिल वालों को जान इन्हीं जहरीली हवाओं में सीमट कर रह जाएगी?
दिल्ली में वायु प्रदूषण से लड़ाई जारी है, दिल्ली में इस वक्त का AQI 183 है, वही आपको बता दे कि इस वक्त दिल्ली के कई इलाकों में average air quality index 370 से ज़्यादा रिकॉर्ड किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
वही दिल्ली के 40 मॉनिटरिंग स्टेशनों से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक,14 स्टेशनों पर AQI 401 से ज़्यादा रिकॉर्ड किया गया। जिसमें आनंद विहार, चांदनी चौक,अशोक विहार, जहांगीरपुरी और नेहरू नगर समेत कई अन्य इलाके उन इलाकों में से थे जहां सबसे ज़्यादा पॉल्यूशन लेवल रिपोर्ट किया गया।
प्रदूषण की मार न केवल दिल्ली वासी बल्कि गुड़गांव (207),फरीदाबाद (178), और हरियाणा (190) जैसी जगहों पर भी देखने को मिली है जहां प्रदूषण दिन प्रतिदिन बद से बत्तर होती नजर आ रही है।
हालाकि, बढ़ते AQI ko मध्य नजर रखते हुए अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि जब तक ज़रूरी न हो, घर के अंदर रहें और खतरनाक हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए मास्क पहनें। बच्चों और बुजुर्गों का खासकर ध्यान रखने की अपील की है।
पर अब सवाल ये है कि आखिर कब तक हमें इन जहरीली हवाओं में ही सास लेना पड़ेगा? क्या दिल्ली दिल वालों के साथ अन्य शहरों के लोगों की जान भी इन्हीं जहरीली हवाओं में सीमट कर रह जाएगी?
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