गुरुग्राम: अवैध कॉलोनी माफिया गांवों तक सक्रिय, 100–200 गज प्लॉटों पर दो मंजिला मकान बनाकर धड़ल्ले से बिक्री
अवैध कॉलोनी माफिया सरकारी सिस्टम से भी ज्यादा ताकतवर साबित होते हैं
गुरुग्राम: अवैध कॉलोनी माफिया गांवों तक सक्रिय, 100–200 गज प्लॉटों पर दो मंजिला मकान बनाकर धड़ल्ले से बिक्री
गुरुग्राम, 9 दिसंबर।
दिल्ली के बिल्कुल नजदीक स्थित गुरुग्राम में अवैध कॉलोनी माफिया एक बार फिर हावी होते दिख रहे हैं। पहले जहां साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टरों में अवैध कॉलोनियां बनाकर दो और तीन रूम सेट लाखों रुपये में बेचे गए, अब इसी तरह का खेल गांवों तक पहुंच चुका है। 100 से 200 गज के छोटे प्लॉटों पर दो मंजिला मकान बनाकर तेजी से बाजार में उतारा जा रहा है और खरीददारों को आकर्षित किया जा रहा है।
पटौदी और आसपास के गांवों में अवैध कॉलोनियों की बाढ़
पटौदी कस्बे के निकट और बिलासपुर–पटौदी रोड पर स्थित जिले के सबसे बड़े गांव भोड़ा कला में चारों तरफ अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। कृषि योग्य भूमि पर भी खुलकर प्लॉटिंग की जा रही है। गांव की संकरी गलियों के बीच छोटे-छोटे प्लॉटों पर घर बनाकर इन्हें तेजी से बेचा जा रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन को सब पता होते हुए भी संबंधित अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। कई जगहों पर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी अवैध कॉलोनी माफियाओं के साथ मिलकर चलते बताए जा रहे हैं। बदले में उन्हें प्लॉट और मकान देने की भी चर्चाएं हैं।
दिल्ली–जयपुर हाईवे, मानेसर IMT और आसपास के इलाकों में अवैध निर्माण तेज
दिल्ली–जयपुर हाईवे पर शंकर वाली ढाणी और बिनौला के आसपास भी अवैध कॉलोनी का निर्माण तेज़ी से जारी है।
मानेसर IMT के आसपास के गांवों में माफियाओं ने लगभग पूरी तरह कब्जा कर लिया है।
फरुखनगर, पटौदी, हेलीमंडी, सिधरावली और भोड़ा कला में पिछले महीनों में अवैध कॉलोनी माफियाओं की गतिविधियां चरम पर पहुंच चुकी हैं। यहां कृषि भूमि पर 10,000 से 18,000 रुपये प्रति गज तक प्लॉट बेचे जा रहे हैं, वहीं छोटे मकान बनाकर भी लाखों–करोड़ों रुपये में बिक्री हो रही है।
स्थानीय स्रोतों का दावा है कि DTP विभाग को पूरी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई न्यूनतम है—क्योंकि अधिकारी और माफिया आपसी समझौते से अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।
चुनाव से पहले रेगुलराइजेशन की उम्मीद से बढ़ी रफ्तार
माफियाओं को भरोसा है कि सरकार विधानसभा चुनाव से पहले अवैध कॉलोनियों को रेगुलराइज करने पर विचार कर रही है। इसी वजह से शहर और गांवों के आसपास अवैध कॉलोनियों का विस्तार पिछले महीनों में कई गुना बढ़ गया है।
सत्ता और विपक्ष—दोनों के स्थानीय समर्थक शामिल
रिपोर्ट के अनुसार, अवैध कॉलोनी विकसित करने वालों में अधिकतर कांग्रेस समर्थक बताए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है।
सबसे रोचक बात यह है कि दोनों पार्टियों के स्थानीय कार्यकर्ता मिलकर इस अवैध कारोबार में सक्रिय हैं और एक-दूसरे को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण दे रहे हैं।
शिकायत मिलते ही कार्रवाई होगी: डीसी
अवैध कॉलोनियों पर सवाल उठाए जाने पर जिला उपायुक्त अजय कुमार ने कहा—
“अवैध कॉलोनी किसी भी हालत में विकसित नहीं होने दी जाएगी। शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि जमीनी स्तर पर स्थिति इसके उलट नजर आती है। डीसी कार्यालय और प्रशासन की नज़रों के सामने होने के बावजूद गांवों में अवैध कॉलोनियों का निर्माण पूरी ताकत के साथ चल रहा है।
स्थानीय लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि यहाँ तो “दूध की रखवाली बिल्ली कर रही है”—यानी जिनके ऊपर रोक लगाने की जिम्मेदारी है, वही ढील दे रहे हैं।
अब फैसला समय करेगा
अब देखना यह है कि
✔️ सरकार इन माफियाओं पर नकेल कस पाती है
या
✔️ अवैध कॉलोनी माफिया सरकारी सिस्टम से भी ज्यादा ताकतवर साबित होते हैं
इसका फैसला आने वाला समय करेगा।
