मुजफ्फरनगर:संजीव जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के नौकरी करता था। संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी। 2005 से ही जरायम की दुनिया में सक्रिय जीवा पर कई मामले चल रहे थे।
लखनऊ के कैसरबाग में पॉस्को कोर्ट के गेट पर वकील की ड्रेस में आये युवक ने कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को मारी गोली। एक बच्ची और एक सिपाही घायल हुए हैं। लखनऊ की कोर्ट के बाहर हुई इस वारदात ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है, जिसने वकील के भेष में वारदात को अंजाम दिया। संजीव जीवा को 5 गोली लगी है। पुलिस ने एक शूटर को गिरफ्तार किया है। संजीव माहेश्वरी जीवा को बीते दिनों पुलिस ने एके-47 और 1300 कारतूसों के साथ शामली में पकड़ा था। वो पश्चिमी यूपी में अतीक अहमद सरीखा नाम है। संजीव जीवा पर उन ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था, जिन्होंने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी।
बीजेपी विधायक कृष्णांद राय के मर्डर में दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और जीवा समेत सात आरोपियों को बरी किया था। 29 नवंबर, 2005 को गाजीपुर में राय की हत्या हुई थी। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मुख्तार अंसारी का खास था।
जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमि त दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी।