आंध्र प्रदेश,14 जुलाई । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करने जा रहा है,इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-3 आज दोपहर 02 बज कर 35 मिनट पर चंद्रमा की ओर उड़ान भरेगा। इस मिशन की पूरी तैयारी कर ली गई है।
आपको बता दे कि इससे पहले साल 2019 में चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन खराब हो गया था,यही कारण है कि चंद्रयान-3 मिशन को भारत के लिए अहम माना जा रहा है और इससे काफ़ी उम्मीदें भी जुड़ी हैं। चंद्रयान-3 की 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद जताई जा रही है।
चंद्रमा की सतह पर किसी अंतरिक्ष यान की लैंडिंग दो तरीके से होती है हार्ड और सॉफ्ट। हार्ड लैंडिंग में अंतरिक्ष यान सतह पर क्रैश करता है, वहीं सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान अंतरिक्ष यान की गति को धीरे-धीरे कम करके सतह पर उतारा जाता है।अब तक चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सिर्फ तीन देशों अमेरिका, रूस और चीन को ही कामयाबी मिली है।अगर भारत का ये मिशन सफल हो जाता है तो भारत का भी नाम इस लिस्ट में शामिल हो जाएगा। ISRO ने सबसे पहले 2008 में चंद्रयान-1 को सफलतापू्र्वक लॉन्च किया था।तब ISRO ने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी। इसके बाद ISRO ने सन् 2019 में चंद्रयान -2 को लॉन्च किया था लेकिन इसकी सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान -2 का फॉलोअप है। जिन कमियों के कारण चंद्रयान-2 सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया,उन कमियों का अध्यन करके चंद्रयान-3 को कई स्तर पर अपग्रेड किया गया है, ताकि चंद्रयान-3 मिशन सफलतापू्र्वक हो सके।