खलिहान छोड़ अब आशियाना बचाने में लगे ग्रामीण
- सिरसा, 18 जुलाई : सिरसा में घग्घर नदी में जलस्तर में बढ़ोतरी मंगलवार को भी जारी रही। पिछले तीन दिनों से जगह-जगह तटबंध टूटने का सिलसिला आज भी जारी रहा। सिरसा बरनाला रोड पर बने साइफन को खोलने आए पनिहारी गांव के लोगों की फरवाई कलां गांव के लोगों के बीच आमना-सामना हो गया जिससे एक महिला सहित चार लोग घायल हो गए। घायलों में एक युवक की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उधर, गांव छोटी चामल के पास नदी के तटबंध में दरार आ गई। वहां मौजूद सैंकड़ों की तादाद में ग्रामीणों व युवकों ने साहस का परिचय देते हुए तटबंध को बांध लिया। खैरेकां से लेकर ओटू हेड तक घग्घर नदी में जलस्तर खतरे के निशान से भी ऊपर चल रहा है जिससे इसके साथ लगते गांवों के लोग दहशत में हैं।
- पंजाब सरहद से लेकर राजस्थान तक 75 किलोमीटर क्षेत्र में अब से पहले छोटे-बड़े तटबंध टूटने से हजारों एकड़ में रोपाई की हुई धान की फसल डूब चुकी है वहीं हजारों ट्यूबवेल, सैंकड़ों ढाणियां, सैंकड़ों बिजली के ट्रांसफार्मर जल की भेंट चढ़ चुके हैं। ग्रामीण अब खलिहानों में फसल के डूब जाने के बाद आशियाने बचाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। घग्घर नदी के दोनों तटबंधों पर हजारों ट्रेक्टर ट्राली मिट्टी ला लाकर ढ़ेरियां कर रहे हैं वहीं गांव-गांव में मनरेगा मजदूर थैलों में इस मिट्टी को भर रहे हैंं। अन्य ग्रामीण इन थैलों को नदी के तटबंध पर मजबूती के लिए लगा रहे हैं। झोरडऩाली गांव के पास तटबंध टूटने से सडक़ पर पानी आ जाने के कारण गांव का सिरसा से संपर्क टूट गया है। घग्घर नदी पर बने पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।
- सिरसा बरनाला रोड पर गांव पनिहारी के पास बाढ़ का पानी पहुंच जाने के बाद आज सैंकड़ों ग्रामीण कस्सी लाठियों के साथ फरवाईं गांव की ओर आए तथा वहां सिरसा बरनाला रोड पर बनाए गए साइफन जिन्हें दो दिन पहले फरवाईं गांव के लोगों ने मिट्टी डालकर अवरुद्ध कर दिया था, उन्हें अपने स्तर पर खोल दिया। इस दौरान पनिहारी व फरवाईं कलां गांव के ग्रामीणों के बीच टकराव हो गया जिससे एक महिला सहित चार लोग चोटिल हो गए। घायलों में पनिहारी गांव के अविनाश, पवन, बिट्टू व महिला बिमला शामिल हैं।
- उधर, उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि घग्घर नदी में आए अधिक पानी से बनी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन आबादी वाले क्षेत्रों को बचाने की योजना के साथ राहत व बचाव कार्य कर रहा है। बाढ़ को नियंत्रण करने व इससे बचाव के लिए तमाम संसाधन उपयोग में लगाए गए हैं तथा पूरी मशीनरी व मैनपावर को फील्ड में तैनात कर दिया गया है।