मथुरा,24 जुलाई। जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक बहुत बड़ा पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव यानि कि जन्माष्टमी के पर्व को लेकर इंतजार शुरू हो गया है,हालांकि इस साल जन्माष्टमी मनाने की सही तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति है। सावन महीना भगवान शिव को समर्पित है और इसके बाद आता है भाद्रपद का महीना और ये महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है। इसी महीने में कृष्ण जी का जन्म हुआ था। इस साल 31 अगस्त 2023 से भाद्रपद महीना शुरू हो रहा है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। पूरे देश में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है। देर रात बाल गोपाल की पूजा होती है, उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है, झूला झुलाया जाता है। इस दिन कृष्ण मंदिरों की सजावट देखने लायक होती है। विशेषतौर पर भगवान कृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में तो जन्माष्टमी की धूम निराली ही होती है।
इस बार हिंदी पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 की दोपहर 03.37 मिनट पर शुरू होगी और 7 सितंबर 2023 की शाम 04.14 मिनट पर समाप्त होगी। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस मान्यता के अनुसार गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे। इस दिन रोहिनी नक्षत्र भी है, ऐसा अद्भुत संयोग बनना बहुत शुभ है। वहीं वैष्णव संप्रदाय में श्रीकृष्ण की पूजा 7 सिंतबर को की जाएगी।
कब है पूजा का शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की मध्यरात्रि 12:02 से मध्यरात्रि 12:48 तक है। इस तरह पूजा की अवधि केवल 46 मिनट की ही रहेगी। वहीं जन्माष्टमी व्रत पारण का समय 7 सिंतबर 2023 की सुबह 06.09 के बाद है। जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 6 सितंबर 2023 की सुबह 09:20 से 7 सितंबर 2023 की सुबह 10:25 तक रहेगा।