- मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्वीकृत ईंधन का उपयोग नहीं करने वाली औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण करने के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 21 अगस्त- हरियाणा सरकार प्रदेश में सीएनजी और पीएनजी के बुनियादी ढांचे के विकास हेतु एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए उपयोग का अधिकार (राईट ऑफ यूज) और रास्ते का अधिकार (राईट ऑफ वे) नीति लागू करने जा रही है। इस नीति का उद्देश्य सीएनजी और पीएनजी वितरण नेटवर्क की सुचारू स्थापना को सुविधाजनक बनाना है।
यह जानकारी मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में यहां प्रदेशभर में कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (सीएनजी) और पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) के बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के लिए हुई समीक्षा बैठक में दी गई।
कौशल ने संबंधित अधिकारियों को स्वीकृत/निर्धारित मात्रा में ईंधन का उपयोग नहीं करने वाली औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण करने और गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में कुल 632 औद्योगिक इकाइयों ने गैस को अपने ईंधन विकल्प के रूप में अपनाया है, जिनमें से 257 औद्योगिक क्षेत्र में प्रयोग कर रही हैं। इसके अतिरिक्त, औद्योगिक क्षेत्र में 403 औद्योगिक इकाइयां वर्तमान में स्वीकृत वैकल्पिक ईंधन का उपयोग कर रही हैं।
राज्य स्तरीय शीर्ष निगरानी समिति का किया जाएगा गठन
मुख्य सचिव ने सीएनजी, पीएनजी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी हेतु राज्य स्तरीय शीर्ष निगरानी समिति के गठन की घोषणा की। इस समिति में उद्योग एवं वाणिज्य और शहरी विकास एवं स्थानीय निकाय विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
आरओडब्ल्यू, आरओयू के लिए विकसित किया जाएगा ऑनलाइन सेवा मॉड्यूल
कौशल ने परिचालन दक्षता को बढ़ाने हेतु अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निश्चित समय सीमा के भीतर सीएनजी और पीएनजी पाइपलाइन स्थापना हेतु आरओडब्ल्यू व आरओयू की प्रक्रियाओं के लिए एक ऑनलाइन सेवा मॉड्यूल लॉन्च किया जाए। इस डिजिटल नवाचार का उद्देश्य प्रक्रियात्मक जटिलताओं में सुगमता लाना है।
उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार किया गया और इसमें सुधार हेतु संबंधित दस विभागों से फीडबैक और टिप्पणियां मांगी गई। इन फीडबैक में सात विशिष्ट पहलुओं को केंद्रित किया गया, जिनमें फॉर्म, दस्तावेज़ चेकलिस्ट, आरओडब्ल्यू व आरओयू के लिए लागू प्रसंस्करण शुल्क, लीजहोल्ड अधिकार, अनुमोदन और डीम्ड अनुमोदन दोनों के लिए प्रस्तावित समयरेखा, ऑनलाइन ऑटो-जनरेशन के लिए प्रमाणपत्र टेम्पलेट, ट्रैकिंग, निगरानी और एमआईएस डैशबोर्ड शामिल हैं।
जिलावार सेमिनार व कार्यशालाएँ की जाएंगी आयोजित
संजीव कौशल ने कहा कि सीएनजी, पीएनजी के फायदों के बारे में जागरूकता लाने के लिए जिलावार विशिष्ट सेमिनार और कार्यशालाओं के आयोजन के बारे एक योजना बनाई जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करने के लिए उचित कार्यक्रम निर्धारित करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, रोहतक, यमुनानगर, सोनीपत, फतेहाबाद, सिरसा, अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल और रेवाड़ी सहित विभिन्न शहरों के लिए पाइपलाइन बिछाने और कनेक्शन प्रावधान की स्थिति प्रस्तुत की गई। बैठक में बताया गया कि फ़रीदाबाद में गुरुकुल, डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्रों, एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र और कई औद्योगिक क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने और कनेक्शन प्रावधान पर काम चल रहा है। इसी प्रकार, गुरुग्राम में कई औद्योगिक कलस्टर के लिए कनेक्शन प्रावधान का कार्य सक्रिय रूप से चल रहा है, जिनमें सेक्टर 33/34, बेहरामपुर, आईएमटी मानेसर, उद्योग विहार और अन्य शामिल हैं। हिसार में भी सेक्टर 9-11 (आईडीसी), सेक्टर 27-28 और दिल्ली रोड पर कार्य प्रगति पर है।
इसके अलावा, रोहतक में आईएमटी रोहतक, खेरीसाध, आईडीसी और कुटाना सहित विभिन्न औद्योगिक कलस्टरों के लिए पाइपलाइन बिछाने और कनेक्शन प्रावधान को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यमुनानगर में सेक्टर 33/34, बेहरामपुर, आईएमटी मानेसर और उद्योग विहार जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार काम चल रहा है। सोनीपत में राई, कुंडली, भालगढ़, नाथूपुर, मुरथल, पियूमनियारी, सबोली और सोनीपत शहर जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक कलस्टरों, फतेहाबाद, सिरसा, कैथल और करनाल में कई महत्वपूर्ण औद्योगिक कलस्टरों के लिए पाइपलाइन बिछाने और कनेक्शन प्रावधान पूरा कर लिया गया है।
बैठक में बताया गया कि अंबाला में साहा औद्योगिक क्षेत्र और एचएसआईआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र सहित महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों तथा कुरुक्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों व औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कनेक्शन प्रावधान का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इसके अलावा, रेवाड़ी में बावल, धारूहेड़ा सहित रेवाडी में औद्योगिक कलस्टरों में काम जारी है।
बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के महानिदेशक श्री टी.एल. सत्यप्रकाश, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी, आबकारी एवं कराधान आयुक्त अशोक कुमार मीणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।