राजेंद्र कुमार
सिरसा,29 अगस्त। हरियाणा के सिक्ख समाज की सिक्ख संगठनों की पंचायत गुरुद्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंह पातशाही दसवीं सिरसा में हुई। मीटिंग में पहुंचे सिक्ख समाज के लोगों ने सरकार द्वारा बनाई गई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भंग करने की मांग की। साथ ही कहा कि दिसंबर से पहले चुनाव के जरिए नई हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन किया जाए। हरियाणा के सिक्खों को यह कमेटी चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।
सिक्ख समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार ने जो कमेटी बनाई है, वह सिक्खों की मर्यादा के तहत काम नहीं कर रही। बार-बार गुरुद्वारा साहिब में बेदअदबी के मामले सामने आ रहे हैं। सिख समाज गुरुद्वारा साहिब में बेअदबी कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। सिरसा से सिख समाज के प्रतिनिधि लखविंदर सिंह औलख ने बैठक को लेकर विस्तार से जानकारी दी। मीटिंग के बाद सिक्ख संगत ने हरियाणा सरकार द्वारा थोपी गई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों द्वारा गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब में हुई घटना की निंदा की और गुरुद्वारा साहिब से लेकर बाबा बंदा सिंह बहादुर चौक तक विशाल रोष मार्च भी निकाला। सिक्ख संगत ने अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को गृहमंत्री भारत सरकार के नाम मांग पत्र भी सौंपा, जिसमें हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रबंधन सिक्ख समाज की वोटों से चुने हुए सदस्यों को दिये जाने की मांग रखी, इसमें सरकार की दखलअंदाजी ना हो। हरियाणा सरकार 1 सितंबर 2023 से हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के लिए सिक्ख समाज की वोटें बनाने जा रही है। सिक्ख संगत की वोट बनाने वाले फॉर्म में सिक्ख वोटर की जो शर्तें रखी गई है, उसमें इस शर्त को भी शामिल किया जाए। 10 गुरुओं और 10 गुरुओं की ज्योत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को समर्पित सिक्ख की ही वोट बनेगी।
हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिक्खों की स्वतंत्र धार्मिक संस्था है, इसमें सरकार या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी कि किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। मीटिंग में ऐलान किया गया कि आगामी 3 सितंबर को कैथल में सिक्ख संगठनों की महापंचायत की जाएगी और विशाल रोष मार्च भी निकाला जाएगा। इसी कड़ी में हरियाणा के सभी जिलों में क्रमवार पंचायतें होंगी और रोष मार्च निकाला जाएगा। इस अवसर पर बाबा प्रीतम सिंह मलड़ी, जगदीप सिंह औलख करनाल, अमरजीत सिंह अंबाला, अमृतपाल सिंह करनाल, जसबीर सिंह, बलजिंदर सिंह अंबाला, सुखविंदर सिंह असंध, साहब सिंह संधू, सुखबीर सिंह, हर्षदीप सिंह हिसार, नछत्तर सिंह झोरड़ रोही, शरणजीत सिंह, रविंद्र सिंह फतेहाबाद, अजीत पाल सिंह च_ा, गगनदीप सिंह नि नाबाद, त्रिलोक सिंह असंध, गुरवीर सिंह यमुनानगर, मनदीप सिंह यमुनानगर, प्रितपाल सिंह पन्नू, अमृतपाल सिंह बुग्गा, अमनदीप सिंह बब्बर, सेवा सिंह गोराया, बाबा तखविंदर सिंह, गुरजंट सिंह खालसा, गुरताज सिंह, सिमरनजीत सिंह पानीपत, गुरविंदर सिंह पानीपत, गुरविंदर सिंह संधू जींद, शेर सिंह चीमा जींद व तजिंदर सिंह खालसा मौजूद रहे।