6 से 8 सितंबर को हिसार जिले के 9 गांवों में होगा जनसंवाद कार्यक्रम
मुख्यमंत्री सुनेंगे ग्रामीणों की समस्याएं
जन संवाद कार्यक्रम बन रहा उम्मीद की किरण, लोगों में बढ़ रही लोकप्रियता
चंडीगढ़, 4 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा जमीनीस्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी तथा नागरिकों की समस्याएं करीब से जानने हेतु शुरू किए गए जन संवाद कार्यक्रम का पड़ाव अब हिसार जिला पहुंच चुका है। 6 से 8 सितंबर तक तीन दिन हिसार के लगभग 9 गांवों में मुख्यमंत्री ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनेंगे।
6 सितंबर को मुख्यमंत्री प्रातः थुराना गांव में जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। तत्पश्चात दोपहर को गांव ढाणा कलां तथा सायंकाल में गांव कुलाना में लोगों से संवाद करेंगे। 7 सितंबर को प्रातः सातरोड़ खास गांव में जनसंवाद होगा। उसके बाद दोपहर में मिर्जापुर गांव तथा सांय को बहबलपुर गांव में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित होगा। इसी प्रकार, 8 सितंबर को मुख्यमंत्री गुराना गांव से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे और उसके बाद नारनौंद टाउन तथा उगालन गांव में जनसंवाद करेंगे।
जन संवाद कार्यक्रम बन रहा उम्मीद की किरण
2 अप्रैल से सरकार आपके द्वार की परिकल्पना पर आधारित शुरू किए गए मुख्यमंत्री के जन संवाद कार्यक्रम ग्रामीणों में आशा की एक किरण बन रहे हैं। इन जनसंवाद कार्यक्रमों में जहां एक ओर वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र बुजुर्गों को मौके पर ही पेंशन बनने का तोहफा मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद नागरिकों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो रहा है। लोगों के दिलों में जन संवाद कार्यक्रमों की एक विशेष पहचान बनती जा रही है, क्योंकि लोगों को अपनी बात सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का एक सुनहरा अवसर मिलता है। जनसंवाद कार्यक्रमों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन गांवों में यह संवाद आयोजित होते हैं, उस गांव के अलावा साथ लगते गांव के निवासी भी जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखने पहुंचते हैं।
छोटी सरकारों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को दी जा रही तरजीह
हरियाणा में पढ़ी–लिखी पंचायतों की ऐतिहासिक पहल कर राजनीति विशेषकर पंचायती राज संस्थाओं में एक नई इबारत लिखने वाले मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की यह पहल जमीनीस्तर पर सार्थक सिद्ध हो रही है। जब चुने हुए सरपंच जनसंवाद कार्यक्रमों में अपने गांवों के विकास के लिए मांग करते हैं। साथ ही पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिये जाने की पहल भी जमीनीस्तर पर सकारात्मक परिणाम ला रही है। इसकी झलक जनसंवाद कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रही है, जब मुख्यमंत्री कहते हैं कि गांव की बात महिला सरपंच स्वयं कहेंगी न कि उनके प्रतिनिधि। जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री छोटी सरकारों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को ससम्मान अपने साथ मंच सांझा करने का अवसर देते हैं, उनके इस भाव से महिला सरपंचों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे गांवों के विकास हेतु और अधिक उत्साह से कार्य कर रही हैं।